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आर्थिक गतिविधियां शुरू होने के बाद कामकाजी क्षेत्रों में बढेगा खतरा - ICMR



नई दिल्ली। देश में जैसे-जैसे आर्थिक गतिविधियां शुरू होने जा रही हैं, कोरोना वायरस का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर रजनीकांत का कहना है कि देशभर में कॉमर्शियल हब में वायरस का संक्रमण रोकना बड़ी चुनौती होगी।

रजनीकांत ने कहा, 'मुंबई के धारावी इलाके को देखिए, जहां एक ही कमरे में कई लोग रहते हैं और एक ही शौचालय का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी परिस्थिति में तब तक वायरस के प्रसार को थामना संभव नहीं है, जब तक लोग खुद शारीरिक दूरी और स्वच्छता का ध्यान नहीं रखेंगे। कुछ ऐसी ही स्थिति देश के विभिन्न कॉमर्शियल हब में भी देखने को मिलेगी, जहां आबादी का घनत्व बहुत ज्यादा है।'
उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के लिहाज से शहरों की आबादी सामान्य लगती है, लेकिन कोरोना जैसे वायरस के मामले में यही खतरा है। जहां ज्यादा सघन आबादी होगी, वहीं संक्रमण का खतरा भी ज्यादा रहेगा। घनी आबादी इस वायरस के लिए सबसे मुफीद है। चीन से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना के कारण जान गंवाने वालों की संख्या कम है।

हालांकि, तुलना को उचित इसलिए नहीं कहा जा सकता, क्योंकि चीन में वायरस के ज्यादातर मामले एक प्रांत में सिमटे हुए थे, लेकिन भारत में मामले पूरे देश में फैल गए हैं। चीन ने जिस तरह से लॉकडाउन लगाया था, उसमें किसी को भी हुबेई प्रांत से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी। इससे इतर, भारत में लोगों का एक से दूसरी जगह आना-जाना बना रहा, जिससे वायरस को फैलने का मौका मिला। जांच में तेजी को लेकर उन्होंने बताया कि अभी देश में रोजाना एक लाख जांच हो रही है।

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