मुख्यमंत्रियों से चर्चा के बाद पीएम मोदी ने लॉकडाउन हटाने को लेकर दिए संकेत
नई दिल्ली : कोरोना महामारी का प्रसार धीमा करने के लक्ष्य के साथ लागू देशव्यापी लॉकडाउन अभी खत्म नहीं होगा। सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात का स्पष्ट संकेत दिया कि राहत तो मिलेगी लेकिन लॉकडाउन तुरंत नहीं हटेगा। उन्होंने कहा- हमारे सामने बीमारी का प्रसार रोकने और गतिविधियों को धीरे-धीरे बढ़ाने की दोहरी चुनौती है। मेरा स्पष्ट मानना है कि लॉकडाउन के पहले चरण में उठाए गए कदमों की दूसरे चरण में जरूरत नहीं थी। इसी तरह तीसरे चरण में उठाए गए कदमों की चौथे चरण में जरूरत नहीं होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि टीका या बीमारी का कोई इलाज नहीं मिल जाने तक शारीरिक दूरी ही सबसे बड़ा हथियार है। कोरोना के बाद दुनिया बदल गई है। जैसे विश्व युद्धों से पहले और बाद की दुनिया का जिक्र होता है उसी तरह कोरोना से पहले और कोरोना के बाद की दुनिया का जिक्र होगा। अब हमें जन से लेकर जग तक की नीति पर बढ़ना होगा। लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को पूरा हो रहा है। इसके आगे की रणनीति के लिए प्रधानमंत्री ने 15 तक राज्यों से सुझाव मांगा है।
प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में ज्यादातर राज्यों के मुख्यमंत्री भी लॉकडाउन को एकमुश्त हटाने के पक्ष में नहीं दिखे। विपक्ष शासित कुछ राज्यों की ओर से तो इसे बढ़ाने का सुझाव दिया जा रहा है। अगले चरण में ग्रीन के साथ-साथ ऑरेंज और रेड जोन में भी थोड़ी और नरमी हो सकती है। यानी कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी में गतिविधियों को थोड़ा और सामान्य बनाया जाएगा। औद्योगिक गतिविधियों को तेज करने के लिए अतिरिक्त नरमी बरती जाएगी लेकिन सब कुछ अभी सामान्य नहीं होगा। आवागमन, मनोरंजन, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में काम शुरू करने के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा।
पिछले कुछ दिनों में केंद्र सरकार की ओर से लगातार राहत बढ़ाई गई है। मौजूदा हालात में इस बात पर सहमति बनती दिखने लगी है कि लंबे समय तक सब कुछ बंद नहीं रखा जा सकता है। इसलिए 18 मई से बड़ी राहत देने का विचार है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सभी मुख्यमंत्रियों की लंबी चर्चा में पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र ने खुलकर लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव दिया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि लॉकडाउन के बिना काम नहीं चल सकता है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में हो रही राजनीति पर सवाल उठाया, साथ ही लॉकडाउन बढ़ाने की बात कही। तमिलनाडु ने भी रेल और हवाई सेवा से साफ मना कर दिया। बिहार ने आगाह किया कि लॉकडाउन हटने पर स्थिति खराब हो सकती है। राजस्थान की ओर से रेड जोन में पूरी पाबंदी का सुझाव आया। पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली जैसे राज्यों ने कहा कि जोन के वर्गीकरण की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ी जानी चाहिए। दो सत्रों में चली बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों को बोलने का अवसर दिया गया। अब तक ऐसी चार बैठकों में हर बार अलग-अलग सात-आठ मुख्यमंत्रियों को ही बोलने का अवसर मिलता था।
एकजुट होकर मिलेगी जीत
प्रधानमंत्री ने अपने शुरुआती संबोधन में टीम वर्क पर जोर देते हुए कहा कि अब कोरोना के विस्तार का आकलन हो गया है। इसे एकजुट होकर ही हराना होगा। वहीं धीरे-धीरे शुरू हो रही आर्थिंक गतिविधियों को तेज भी करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने सफलता के साथ वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया है और वैश्विक स्तर पर इसे सराहा भी जा रहा है। आगे की राह पर बढ़ते हुए भी इसका ध्यान रखना होगा कि कोरोना का विस्तार न हो। खासकर गांवों में कोरोना न पहुंचे इसके लिए प्रधानमंत्री ने ज्यादा सतर्क रहने को कहा। सीमित रेल यात्राओं की अनुमति के फैसले पर उठे सवाल पर मोदी ने कहा- यह जरूरी है कि लोग जहां हैं, उनका वहीं रहना सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास किया जाए लेकिन ऐसे संकट के हालात में लोग अपने घरों की ओर जाना चाहते हैं, इसलिए रणनीति में बदलाव किया गया।
जांच को दी जाएगी गति
सूत्रों के अनुसार लगभग पांच घंटे तक चली बैठक में जो निचोड़ निकल रहा है उसके अनुसार यह मानकर चलना चाहिए कि लॉकडाउन धीरे-धीरे ही हटेगा। इस बीच राज्यों को जांच और उपचार को गति देनी होगी। रेल सेवाओं की पहली खेप मंगलवार से शुरू हो रही है। बताया जाता है कि बहुत ही सीमित स्तर पर घरेलू उड़ानें भी शुरू हो सकती हैं। कंटेनमेंट जोन में जरूर सख्ती बनी रहेगी लेकिन बाकी के क्षेत्रों में आर्थिंक गतिविधियां तेज होंगी। यानी अधिकतर दुकानें भी खुलेंगी। हालांकि यह राज्यों को तय करना होगा कि किस तरह आगे बढ़ा जाए। माना जा रहा है कि केंद्र राज्यों को जिलावार ध्यान केंद्रित रखते हुए आगे बढ़ने और आर्थिंक गतिविधियों को गति देने की सलाह देगा।
राज्यों की राय
. बंगाल की मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन को बढ़ाने की बात कही
. पंजाब, तेलंगाना और महाराष्ट्र भी अभी चाहते हैं सख्ती
. तमिलनाडु का रेल एवं हवाई सेवा से स्पष्ट इन्कार
. राजस्थान ने भी रेड जोन में पूरी पाबंदी का सुझाव दिया
. जोन के वर्गीकरण की जिम्मेदारी भी चाहते हैं कई राज्य
. पंजाब ने कहा- अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखकर बने रणनीति
प्रधानमंत्री की अहम बातें
. कोरोना से लड़ते हुए आर्थिक गतिविधियों को गति देने की जरूरत
. गांवों को संक्रमण से बचाए रखना अभी सबसे बड़ी चुनौती
. दो गज की दूरी के मंत्र का सभी को पालन करते रहना होगा
. उद्योग और श्रम कानूनों का सरलीकरण करें सभी राज्य
. श्रमिकों के भविष्य पर राज्य रणनीति बनाएं, केंद्र सहयोग करेगा
. हर राज्य में इकोनॉमिक जोन की संभावना, राज्य नीति बनाकर भेजें
. विदेश से बड़ी कंपनियों के आने की भी अपार संभावना है
. सबकी जांच होगी और बीमार का इलाज होगा। इससे एक बार संख्या में उछाल आएगा, लेकिन देश को कोरोना मुक्त बनाने में मदद भी मिलेगी।