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वंदे भारत मिशन : पहले दिन अबू धाबी और दुबई से स्‍वदेश लौटे



नई दिल्ली। Lockdown के कारण विदेश में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने का महाअभियान वंदे भारत मिशन गुरुवार से शुरू हो गया। पहले दिन खाड़ी के देशों से भारतीयों को लेकर दो विमान गुरुवार की रात भारत पहुंच गए। सिंगापुर से भारतीयों को लेकर पहला विमान आज भारत आएगा। इस मिशन के तहत पहले चरण में 13 देशों से करीब 14,800 यात्रियों को भारत लाने की योजना है। दुनिया के अलग-अलग देशों से भारतीयों को निकालने का काम जारी है और इसी कड़ी में मालदीव में भी नौसाना के जहाज मौजूद हैं जिस पर भारतीयों को सवार किया जा रहा है। वहीं ढाका से भारत लौट रही एक छात्रा ने मोदी सरकार और भारतीय दूतावास को भी शुक्रिया कहा है।

बांग्लादेश के ढाका से भारत लौट रही जम्मू-कश्मीर की एक छात्रा ने मोदी सरकार और बांग्लादेश में भारतीय दूतावास को शुक्रिया कहा है। उसके साथ जम्मू-कश्मीर के और भी कई छात्र भारत लौट रहे हैं।

जानकारी के अनुसार पहला विमान अबू धाबी से शाम 5.07 पर (स्थानीय समय) रवाना होकर रात 10.09 कोच्चि पहुंच गया। इस विमान से 177 यात्री आए हैं। वहीं दूसरा विमान दुबई से शाम 5.46 पर (स्थानीय समय) रवाना होकर रात 10.32 पर कोझीकोड हवाई अड्डे पर उतर गया। ये विमान भी 177 यात्रियों को लेकर आया है। इन विमानों की रवानगी के समय यूएई में भारतीय राजदूत पवन कपूर पूरे अभियान पर नजर रखे रहे। रवाना होने से पहले सभी यात्रियों की मेडिकल जांच की गई। किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए। स्वदेश आए लोगों को एक हफ्ते तक क्वारंटाइन में रखा जाएगा।

इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने वंदे भारत मिशन को ऐतिहासिक अभियान बताया है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक ट्वीट कर इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवेदनशील रवैये और कुशल नेतृत्व को श्रेय दिया है।

उधर सिंगापुर से मिली जानकारी के अनुसार यहां फंसे भारतीयों का पहला जत्था शुक्रवार को रवाना होगा। पहले जत्थे में करीब 240 लोग होंगे। सिंगापुर में करीब साढ़े तीन हजार लोग फंसे हैं। एयर इंडिया ने यहां से लोगों को निकालने के लिए करीब 20 उड़ानों की तैयारी की है।

माले पहुंचा नौसेना का जहाज
मालदीव में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए नौसेना का जहाज जलअश्व गुरुवार सुबह माले पहुंच गया। उल्लेखनीय है नौसेना ने भी विदेश में फंसे लोगों को लाने के लिए समुद्र सेतु नाम से अभियान चलाया है। इस जहाज से 750 यात्रियों को भारत लाया जाएगा। जहाज पर दवाओं के साथ अन्य चिकित्सा सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

केरल लौटने वालों में नौ हजार गर्भवती महिलाएं
विदेश में फंसे लोगों को लाने के प्रयासों के बारे में केरल सरकार ने हाइकोर्ट में जो हलफनामा दाखिल किया है उसके अनुसार केरल लौटने वालों में 9572 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं।

उल्लेखनीय है विदेश में फंसे लोगों को निकालने की मांग को लेकर पिछले दिनों कई याचिकाएं हाइकोर्ट में दाखिल की गई थीं। इन सभी पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के लिए राज्य सरकार ने जो हलफनामा दिया है उसके अनुसार स्वदेश आने वालों के लिए अटैच बाथरूम वाले एक लाख पंद्रह हजार कमरों की व्यवस्था की गई है। केंद्र सरकार की ओर से जारी नए दिशा निर्देशों के अनुसार विदेश से लौटने वालों को एक सप्ताह के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। इसके बाद एक सप्ताह उन्हें अपने घर में आइसोलेशन में रहना होगा। किसी में कोरोना के लक्षण मिलने पर उसे फौरन कोरोना का इलाज करने वाले अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।

सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया कि उपलब्ध कमरों में नौ हजार कमरे होटलों व रिजार्ट के हैं। इनमें अगर कोई रहना चाहेगा तो उसे इसका किराया देना होगा। हलफनामे में इसका भी जिक्र है कि सरकार ने राज्य के 14 जिलों में पहली अप्रैल से अब तक कोरोना संबंधी उपायों पर 13 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।

सरकार द्वारा संचालित नोरका-रूट्स नामक वेब पोर्टल के अनुसार करीब 200 देशों से लौटने के लिए 4.45 लाख केरलवासियों ने अपना पंजीकरण कराया है। वहीं मुख्यमंत्री पी.विजयन के कार्यालय के अनुसार प्रदेश के लोक निर्माण विभाग ने आने वाले के लिए 2.2 लाख बिस्तरों की व्यवस्था की है।

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