Mission Vande Bharat : विदेशों में फंसे भारतीयों की आज से होगी वतन वापसी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों को उनके घर तक पहुंचाने की पहल की है। इसके बाद अब ऐसी ही शुरुआत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की जा रही है। इसके तहत केंद्र सरकार ने आज से सेना और नेवी के साथ मिलकर मिशन वंदे भारत Mission Vande Bharat शुरू किया है। इसके तहत सरकार विदेशों में फंसे भारतीय प्रोफेशनल्स, फैमिलीज और स्टूडेंट्स की घर वापसी करवाएगी। इसकी शुरुआत आज से हो चुकी है और सबसे पहले आबूधाबी से 200 लोगों को लेकर पहली उड़ान भारत के लिए रवाना होगी। यह फ्लाइट सुबह 9.45 बजे कोच्चि के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेगी। आज के दिन अलग-अलग देशों से कुल 2300 भारतीयों को स्वदेश लाया जाएगा।
ऐसे लाएंगे भारत
केंद्र सरकार के इस मिशन के तहत पहले चरण में खाड़ी देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, मालदीव, बांग्लादेश तथा कुछ और देशों से कुल 64 उड़ानों और नौसेना के तीन जहाजों के मामध्यम से 14,800 लोगों को भारत लाया जाएगा। इस मिशन में शामिल नौसेना ने अपने इस अभियान को Samudra Setu नाम दिया है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान के नुसार, मिशन के पहले हफ्ते में 13 देशों से कुल 14,800 लोगों को निकालने की तैयारी है। अभियान के पहले दिन यानी गुरुवार को 10 उड़ानों के माध्यम से 2300 भारतीय लौटेंगे वहीं दूसरे दिन नौ देशों से 2050 लोग आएंगे। विदेशों से आने वाले इन सभी लोगों को चेन्नई, कोच्चि, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु और दिल्ली के एयरपोर्ट पर पहुंचाया जाएगा।
मिशन के तीसरे दिन पश्चिम एशिया यूरोप, अमेरिका व दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से 2050 लोग मुंबई, कोच्चि, लखनऊ और दिल्ली के एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। चौथे दिन अमेरिका, ब्रिटेन और यूएई समेत आठ देशों में फंसे 1850 लोगों को लाया जाएगा। आगे भी इसी तरह लोगों को लाने का क्रम जारी रहेगा। 1990 में पहले खाड़ी युद्ध के दौरान कुवैत से 1,70,000 लोगों को निकालने के बाद विदेश में फंसे लोगों को निकालने का यह सबसे बड़ा अभियान होगा।
तीन लाख लोगों ने करवाया है रजिस्ट्रेशन
जानकारी के अनुसार, खाड़ी देशों से भारत लौटने के लिए करीब 3 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है लेकिन फिलहाल केवल उन्हें ही वापस लाया जाएगा जिन्होंने इसके लिए मेडिकल इमरजेंसी के अलावा वीजा खत्म होने की समस्या या निर्वासन की संभावना को अहम कारण बताया है। साथ ही महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को प्राथमिकता रहेगी।
प्रोटोकॉल का करना होगा पालन
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को विदेशों से भारतीयों को स्वदेश लाए जाने की प्रक्रिया को लेकर एक प्रोटोकॉल जारी किया है। इसके अनुसार, स्वदेश लाए जाने वाले नागरिकों को सबसे पहले विदेश में भारतीय मिशनों में एक फार्म भरकर पंजीयन कराना होगा। सभी को भुगतान के आधार पर सुविधा दी जाएगी। जिन यात्रियों में कोरोना संक्रमण का लक्षण नहीं होगा, उन्हें ही स्वदेश आने की अनुमति मिलेगी। भारत पहुंचे के बाद हर यात्री को Aarogya Setu App के तहत पंजीयन करना होगा। सभी की मेडिकल स्क्रीनिंग होगी। इसके बाद इन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रहना होगा। 14 दिन के बाद सभी की कोविड-19 की जांच होगी। जांच निगेटिव आने के पर ही उन्हें बाहर जाने की अनुमति मिलेगी।