ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने दी विजय माल्या को राहत, दीवालिया घोषित होने से बचा
शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन में उच्च न्यायालय ने राहत देते हुए फिलहाल दीवालिया घोषित होने से बचा लिया है। बताते चलें कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह की उस याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें कर्ज के बोझ से दबे कारोबारी को दिवालिया घोषित करने की मांग की गई थी। माल्या से 1.145 अरब पाउंड का कर्ज भारतीय बैंकों को वसूल करना है जिसके लिए माल्या को दीवालिया घोषित कर बैंक उसकी संपत्ति को कुर्क करना चाहती हैं।
उच्च न्यायालय की दिवालिया शाखा के न्यायाधीश माइक ब्रिग्स ने कहा कि जब तक भारत के उच्चतम न्यायालय में उनकी याचिकाओं और कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष समझौते के उनके प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो जाता तब तक उन्हें वक्त दिया जाना चाहिए। चीफ इन्सोल्वेंसी एंड कंपनी कोर्ट के जज ब्रिग्स ने गुरुवार को दिए अपने फैसले में कहा कि इस समय बैंकों को इस तरह की कार्रवाई आगे बढ़ाने का मौका देने की कोई वजह नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह दिवालियापन की याचिका किसी भी तरह से असाधारण है। बैंक एक ऐसे समय में दिवालियापन आदेश के लिए दबाव डाल रहे हैं, जब भारत में मौजूदा कार्यवाही चल रही है। न्यायाधीश ने पिछले दिसंबर 2019 में माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए कर्ज पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो एयरलाइन अब बंद हो चुकी है।
अपने फैसले में न्यायाधीश इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि भारत में माल्या पर चल रहे कानूनी मामलों में फैसला आने की संभावना है। इस हालिया फैसले से फिलहाल माल्या को राहत जरूर मिली है।