कोरोना से संकट के बीच EPFO ने दी कर्मचारियों को ये सुविधा
EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation), ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच देश के लाखों कर्मचारियों को बड़ी सुविधा दी है। अब लोगों को एज-प्रूफ संबंधी दस्तावेजों में विसंगतियों को ठीक करने की अनुमति मिल गई है। EPFO ईपीएफओ के इस कदम से 90 प्रतिशत उन सभी सदस्य यानी देश भर के 6 करोड़ लोगों को राहत मिलेगी, जिनका वेतन 15 हजार रुपए से कम है। इस प्रकार की खबरें सामने आईं थीं कि गत 26 मार्च को घोषित कोरोना राहत पैकेज के लिए नियमों में दी गई ढील के बाद इनमें से कई लोग खातों में से पैसा निकालने के लिए अपने वैधानिक दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ थे।
नई व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए EPFO ईपीएफओ ने अपने सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि वे सदस्यों की जन्मतिथि संबंधी विसंगतियों को ठीक करने के आवदेनों पर तुरंत एक्शन लें और उसमें सुधार करें। वे सभी सदस्य जो कोरोना संकट के चलते आर्थिक परेशानी झेल रहे हैं, उन्हें ऑनलाइन पीएफ Provident Fund (PF) राशि का भुगतान समय पर होना चाहिये।
इसलिए लिया गया यह निर्णय
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने बताया है कि कई मौकों पर यह देखा गया था अनेक ऐसे कर्मचारी, जिनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं थी, वे अपनी मेहनत का पैसा रिटायरमेंट के बाद समय पर केवल इसलिए नहीं प्राप्त कर सके क्योंकि उनके रिकॉर्ड में दर्ज आयु और क्लेम में बताई गई आयु में अंतर था। इसके चलते अब ईपीएफओ ने आयु संबंधी नियमों में ढील बरतने का निर्णय लिया है।
अब आगे यह होगा
अब संशोधन के बाद, जन्मतिथि में बदलाव को आधार के अनुसार ईपीएफओ रिकॉर्ड के संदर्भ में तीन साल की अधिकतम या न्यूनतम सीमा तक स्वीकार किया जाएगा। कोई भी सदस्य अब संशोधन के लिए ऑनलाइन रिक्वेस्ट भेज सकता है। सदस्य के आवेदन के तुरंत बाद आधार के साथ EPFO ईपीएफओ ग्राहक के जन्म की तारीख को ऑनलाइन मान्य कर सकता है।
वर्तमान में इतने दस्तावेज अहम
वर्तमान में प्रचलित नियम के अनुसार ग्राहक इनमें से किसी भी दस्तावेज प्रस्तुत करके अपनी जन्मतिथि सही करवा सकते हैं - जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रार द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र, किसी भी शिक्षा से संबंधित प्रमाण पत्र, केंद्रीय या राज्य संगठनों के सेवा रिकॉर्ड, एक सिविल सर्जन द्वारा चिकित्सा प्रमाण पत्र, आधार कार्ड या सरकारी विभाग द्वारा जारी कोई अन्य दस्तावेज।
सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज का हिस्सा
श्रम मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि यह पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित प्रधानमंत्री ग्रामीण कल्याण योजना (पीएमजीकेबीवाई) के तहत 1.7 लाख करोड़ रुपये के कल्याण पैकेज का एक हिस्सा है। राहत पैकेज के तहत, सरकार उन कर्मचारियों के पीएफ खातों में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की हिस्सेदारी का योगदान करेगी, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी हैं, और जहां 90 प्रतिशत कर्मचारी अगले तीन महीनों के लिए प्रति माह 15,000 रुपये से कम राशि की कमाई करते हैं। सरकार ने कर्मचारियों की निकासी के लिए, गैर-वापसी योग्य अग्रिम आधार पर, 75 प्रतिशत राशि या तीन महीने तक की मजदूरी, जो भी कम हो, अपने खातों से निकालने की अनुमति देने के लिए पीएफ विनियमन योजना में संशोधन किया है।