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मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जी-20 देशों के नेताओं से बात करेंगे, कोविड-19 संकट से उबरने के लिए फंड जुटाने पर चर्चा होगी


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग शाम 5.30 शुरू होगी और 7 बजे तक चलेगी, इसमें कोरोनावायरस से निपटने की योजना पर चर्चा होगी जी-20 वर्चुअल क्रॉन्फ्रेंस का सुझाव मोदी ने ही दिया था, जिसे सऊदी अरब के किंग मोहम्मद बिन सलमान ने स्वीकार कर लिया था
नई दिल्ली. कोरोनावायरस महामारी के बीच गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जी-20 क्रॉन्फ्रेंस में हिस्सा करेंगे। इसकी अध्यक्षता सऊदी अरब करेगा। जी-20 वर्चुअल क्रॉन्फ्रेंस का सुझाव मोदी ने ही दिया था, जिसे मौजूदा मुखिया सऊदी अरब के किंग मोहम्मद बिन सलमान ने स्वीकार कर लिया था। बुधवार को मोदी ने ट्वीट किया था कि कोरोनावायरस से निटपने में जी -20 की भूमिका अहम होगी। उम्मीद है कि काॅन्फ्रेंस में महामारी का संक्रमण के फैलने से रोकने के लिए कारगर प्रयास होंगे। इसके अलावा जी-20 देशों की ओर से इस संकट से उभरने के लिए फंड जुटाने पर चर्चा होगी।

बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित सभी 20 देशों के राष्ट्र प्रमुख शामिल होंगे। इसमें कोरोना महामारी से पैदा हो रहे हालात और आर्थिक संकट पर चर्चा होगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। पिछले साल के आखिर में चीन के वुहान से ही कोरोना संक्रमण की शुरूआत हुई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस बैठक में कई अहम जानकारी साझा कर सकते हैं। कोरोना से लड़ने के लिए आवश्यक उपाय भी बता सकते हैं जिसका पालन कर बाकी देश इस महामारी से खुद को सुरक्षित कर सकें।

मोदी ने फोन पर की थी सऊदी किंग से बात
मोदी ने मंगलवार को सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से बात की थी। इस दौरान उन्होंने समूह-20 देशों की बैठक बुलाने का सुझाव दिया था। मोदी ने सऊदी प्रिंस को सार्क देशों के बीच हुई बातचीत के बारे में भी बताया था। इसके पहले मोदी ने इस विषय पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मोरीसन से भी बात की थी। मंगलवार को देर शाम रियाद स्थित जी-20 ऑफिस की तरफ से बैठक की सूचना जारी कर दी गई।

2022 में जी-20 देशों की अगुवाई करेगा भारत
2022 में जी-20 देशों की अगुआई करने की जिम्मेदारी भारत के पास आ जाएगी। ऐसे में अभी कोरोनावायरस की चुनौतियों को लेकर जो फैसला किया जाएगा, उन्हें आगे लागू करने में भारत को भी अहम जिम्मेदारी निभानी होगी। जी-20 में दुनिया के सबसे प्रभावशाली 20 देश शामिल हैं। इसका गठन 2007-08 के वैश्विक मंदी के बाद किया था। उसके पहले तक दुनिया के सबसे ताकतवर सात देशों का एक संगठन समूह-7 काम करता था।

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