दुष्कर्म के आरोपी ने लगाई जेल में फांसी
ग्वालियर। सेंट्रल जेल में गणतंत्र दिवस की शाम (रविवार) को दुष्कर्म व पास्को एक्ट के मामले में न्यायिक हिरासत में निरूद्ध विचाराधीन बंदी नरोत्तम रावत ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शाम को बंदियों को लॉकअप करने के बाद नरोत्तम बैरक नंबर-9 के पास शिवमंदिर के पीपल के पेड़ पर फांसी पर झूलता मिला। युवक ने फांसी मंदिर के कपड़े से लगाई है। मृतक के परिजनों ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उसके साथ अनहोनी होने की आशंका जताई है।
शुरूआती जांच में बैरक नंबर-9 की निगरानी के लिए तैनात मुख्य प्रहरी ओमप्रकाश सुमन सहित तीन प्रहरियों को निलंबित कर दिया है। बंदी की मौत का वास्तविक कारण पता लगाने के लिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिये हैं।
ग्राम ईटमा निवासी नरोत्तम (20) पुत्र पप्पू उर्फ राजेंद्र रावत के खिलाफ इसी माह करहिया थाने में किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाने का मामला दर्ज हुआ था। किशोरी के बरामद होने के बाद पुलिस ने इस मामले में दुष्कर्म व पास्को एक्ट के साथ धमकाने की धारा का इजाफा किया।
पुलिस का दवाब बढ़ने पर नरोतत्म कंपू थाने मे हाजिर हो गया। कंपू पुलिस ने आरोपित को करहिया थाने के सुपुर्द कर दिया। गिरफ्तारी के समय नरोत्तम नाबालिग था। इसलिए उसे कुछ समय बाल जेल में रखा गया। उसके बाद इसी माह बंदी की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने पर 23जनवरी की शाम 3 बजे न्यायिक हिरासत में सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया था।
बैरक नंबर-9 में रखा गया था आरोपित - नरोत्तम की जेल में एंट्री होने के बाद से उसे बैरक नंबर-9 में रखा गया था। जेल में पहुंचने के बाद नरोत्तम काफी तनाव में था। अमूमन पहली बार जेल में पहुंचने वाले कुछ समय तक तनाव में रहते है। और धीरे-धीरे जेल के माहौल में रमने लगते हैं। गणतंत्र दिवस के कारण जेल मे रविवार की सुबह से ही उत्सव जैसा माहौल था।27 बंदियों की सजा माफ होने पर उनकी सुबह ही रिहाई की गई थी। शाम के वक्त बंदियों को लॉकअप किया गया।
7:40 पर पीपल के पेड़ पर 25 फीट की ऊंचाई पर फांसी पर लटका नजर आया बंदी- शाम 7 बजे बंदियों को लॉकअप किया जा रहा था। लॉकअप के बाद बंदियों की गिनती होनी थी। इसी बीच पुराने अस्पताल वार्ड के पीछे शिव मंदिर शिव मंदिर के पीपल के पेड़ पर जमीन से 25 फीट की ऊंचाई पर बंदी के फांसी पर लटके होने से हड़कंप मच गया। जेल अधीक्षक मनोज साहू सहित अन्य अधिकारी जेल में पहुंच गए। बंदी मंदिर के गले में मंदिर का कपड़ा कसा हुआ था। जेल के अन्य बंदियों ने मृतक की पहचान नरोत्तम रावत के रूप में की। आनन-फानन में बंदी के शव को नीचे उतारकर डॉक्टर से परीक्षण कराया। डॉक्टर ने बंदी को मृत घोषित कर दिया।
जेल अधीक्षक ने सबसे पहले लिखित आवेदन भेजकर बंदी नरोत्तम के आत्महत्या करने की सूचना, जिला व सत्र न्यायाधीश को भेजी गई। न्यायिक अधिकारी के साथ तहसीलदार को भी पड़ताल के लिए बुलाया गया। उसके बाद रात को ही बंदी के शव को पुलिस की निगरानी में डेड हाउस भिजवा दिया गया।
मुख्य प्रहरी सहित 3 निलंबित-रविवार की शाम को 9 नंबर बैरिक के बंदियों की निगरानी के लिए मुख्य प्रहरी ओमप्रकाश सुमन, प्रहरी प्रेमनारायाण गोयल व मनोज त्यागी की तैनाती थी। बंदी के फांसी लगाकर आत्महत्या करने पर तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
नाती के साथ हुई है अनहोनी - मृतक के दादा बलवंत सिंह रावत ने बताया कि नाती को कंपू थाने में हाजिर कराया था। वह नाबालिग था। उसे बाल सुधार गृह से सेंट्रल जेल शिफ्ट किए जाने की सूचना नहीं दी। नाती की मौत रविवार की रात को हो गई थी। उसके शव को पीएम हाउस भी पहुंचा दिया। नरोत्तम की मौत की सूचना सोमवार की सुबह गांव के चौकीदार ने दी। चौकीदार ने बताया कि जेल से थाने में नरोत्तम के फांसी लगाने की सूचना आई थी। उन्होंने आशंका जताई है कि जेल में उनके नाती के साथ कुछ अनहोनी हुई है।
इनका कहना है
विचाराधीन बंदी नरोत्तम रावत ने पीपल के पेड़ पर मंदिर के कपड़े से फांसी लगाकर आत्महत्या की है। शुरूआती जांच में मुख्य प्रहरी व 2 प्रहारियों को निलंबित कर दिया गया है। मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हुए हैं।
मनोज साहू अधीक्षक सेंट्रल जेल