नागरिकता संशोधन बिल मोदी सरकार का ऐतिहासिक निर्णय
उज्जैन। नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 (सीएबी) को संस्कृति कला एवं प्रकोष्ठ के नगर सहसंयोजक मंगेश श्रीवास्तव ने मोदी सरकार का ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए कहा कि बंटवारे के बाद पुरखों की जमीन यहां छोड़कर पाकिस्तान में रह रहे लोगों पर देश की सरकार का ध्यान अब गया है।
मंगेश श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान में महिलाएं बिंदिया, मेहंदी नहीं लगा सकती, मंगलसूत्र भी नहीं पहन सकती। वहां बेबस महिलाओं की चीखें गूंजती हैं। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में नागरिकता विधेयक पेश कर लाखों पीड़ितों की आशाओं को पुनर्जीवित किया है। सिंधु घाटी में रह रहे लोग पाकिस्तान से मुक्ति चाह रहे हैं, वहां इस बात को लेकर आंदोलन हो रहा है, नेहरूजी ने 1950 में एक समझौता किया था जिसके तहत दोनों देशों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का भरोसा दिया गया था, आज हमारे देश में तो अल्पसंख्यक खुश है लेकिन पड़ोसी देश में मंदिर और गुरूद्वारे तोड़े जा रहे हैं। लूट और हत्याएं हो रही हैं। संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ के नगर सहसंयोजक मंगेश श्रीवास्तव ने कहा कि इस बिल से शिवसेना का चेहरा भी उजागर हो गया है, जहां हिंदुओं के लिए लड़ने वाली शिवसेना ने कांग्रेस की गोद में बैठकर पाकिस्तान का साथ दिया वहीं नागरिकता संशोधन बिल में अपना मत नहीं देकर यह स्वीकार कर लिया कि वह पूरी तरह से कांग्रेस की एवं सोनिया गांधी की गोद में बैठ चुकी है।