top header advertisement
Home - उज्जैन << युरिया खाद की कालाबाजारी पर अंकुश लगे, नकली खाद, बीज के विक्रेताओं पर हो कार्यवाही

युरिया खाद की कालाबाजारी पर अंकुश लगे, नकली खाद, बीज के विक्रेताओं पर हो कार्यवाही



भारतीय किसान यूनियन ने किसानों की 10 सूत्रीय जायज मांगों के त्वरित निराकरण के लिए सौंपा ज्ञापन
उज्जैन। युरिया खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जाने के साथ ही खाद की कालाबाजारी पर अंकुश लगे तथा नकली खाद, बीज, नकली कीट नाशक दवाईयों के निर्माता एवं विक्रेताओं पर कठोर कार्यवाही की मांग सहित जिले के किसानों की 10 सूत्रीय जायज मांगों के त्वरित निराकरण के लिए भारतीय किसान यूनियन मध्यप्रदेश अराजनैतिक जिला इकाई के द्वारा सोमवार को कृषि मंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। 
भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष यतीश जाट के अनुसार कलेक्टर के माध्यम से कृषि मंत्री सचिन यादव के प्रेषित किये जाने वाले इस ज्ञापन के माध्यम से किसानों को आ रही परेशानियों के संबंध में अवगत कराया। जिला उपाध्यक्ष गोपालकृष्ण पंड्या, जिला कार्यकारिणी अध्यक्ष संजय आंजना पटेल, जिला महासचिव ईश्वरसिंह, जिला कोषाध्यक्ष अजय पटेल, जिला युवा अध्यक्ष सतीश शर्मा, जिला संगठन मंत्री भगवान सिंह सोलंकी, तराना तहसील अध्यक्ष भरत आंजना, उज्जैन विकास प्राधिकरण से परेशान किसान मनोज जाट, अजय जाट, मोहन जाट, जीवन पटेल, गुड्डू सिंह पवार, भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसानगण अनिल कुनहारे, चेतन आंजना, नरेंद्र बैरागी, अशोक करौंदिया, जितेंद्र आंजना, संदीप ठाकुर सहित अन्य किसानों ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा एवं बीमा राशि अतिशीघ्र शत प्रतिशत प्रदान की जाए। साथ ही किसानों की गेहूं फसल में जड़ गलन एवं बेक्टिरियाजनित रोग से सूख रही है कृषि वैज्ञानिकों के दल को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजकर कारण एवं निदान पर शोध का आदेश जारी करवाया जाए। जिन किसानों की फसलें अज्ञात रोग के चलते सूख चुकी है, सर्वे करवाकर किसानों को इन फसलों का मुआवजा प्रदान करवाया जाये। 
अधिकतम बिजली दिन में मिले
ज्ञापन में मांग की कि किसानों को सिंचाई हेतु बिजली अधिकतम दिन के समय प्रदान करवाई जाए, उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित कानीपुरा, खिलचीपुर आवासीय योजना में किसानों की उपजाउ सिंचित कृषि भूमि को अधिग्रहण किया जा रहा है, इसे किसान विरोधी गतिविधि मानकर योजना को निरस्त किया जाए। 
सहमति पत्र व्यवस्था समाप्त हो
मध्यप्रदेश शासन ने ई पेमेंट के माध्यम से किसानों के खाते में मुआवजा राशि डालने का ऐलान किया है लेकिन कई किसानों के सम्मिलित खाते होने की वजह से उनमें आपसी सहमति ना होने के कारण राशि डालने में परेशानी आयेगी, इसलिए राजस्व विभाग के माध्यम से किसानों से लिये जाने वाला सहमति पत्र व्यवस्था को समाप्त कर प्रमुख खातेदार के खाते में राशि डाल दी जाने के आदेश प्रदान करें। 
समर्थन मूल्य हेतु किसान को पंजीयन करवाने की सुविधा प्रत्येक सहकारी साख संस्था पर उपलब्ध करवायी जाने के आदेश प्रदान किये जाने की मांग की। 
जंगली जानवर कर रहे फसलें चौपट
किसानों ने कृषि मंत्री के साथ ही वनमंत्री के नाम भी ज्ञापन सौंपा जिसमें बताया कि उज्जैन के साथ इंदौर संभाग के प्रत्येक जिला, तहसील, ग्रामीण क्षेत्रों में नीलगायों, घोड़ारोज तथा देशी गायों जैसे जंगली जानवरों द्वारा किसानों की खड़ी फसलों को दिन रात चौपट किया जा रहा है। नीलगाय, घोड़ारोज एवं गायें झुंड में रहते हैं तथा झुंड में ही खेतों की खड़ी फसलें खाते हैं, पैरों तले रौंद भी देते हैं जिससे किसानों की सैकड़ों एकड़ में खड़ी कीमती फसलें बर्बाद हो रही है। ऐसे जंगली जानवरों से किसानों को मुक्ति दिलाई जाए। 

Leave a reply