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अपनी ही पत्नी और बेटी को बनाया धोखाधड़ी का शिकार



मोहसिन अली मर्चेन्ट ने पार्टनर असगर अली बादशाह के साथ मिलकर रचा षड़यंत्र, फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन हड़पी और पार्टनर की ही बीबी को बेचना बता डाला
उज्जैन। बोहरा समाज के नामी गिरामी मोहसिन अली मर्चेन्ट द्वारा अपने ही परिवार के सदस्यों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। उन्होंने किसी और को नहीं बल्कि अपनी पत्नी और सगी बेटी की ग्राम लालपुर में स्थित कृषि भूमि पार्टनर असगर अली बादशाह के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर बाले बाले षड़यंत्रपूर्वक असगर बादशाह की ही पत्नी को बेच डाली। अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए उक्त जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री और नामांतरण भी करवा दिया। धोखाधड़ी के इस खेल को इतने शातिराना तरीके से अंजाम दिया गया कि जमीन की असली मालिक पत्नी नफीसा और बेटी तसनीम को इसकी खबर तक नहीं लगी। 
मोहसिन अली मर्चेन्ट की पत्नी नफीसा और बेटी तसनीम पति आरिफ हुसैन और उनके वकील खालिद खान ने पत्रकारवार्ता लेकर इस मामले का खुलासा किया। तीनों ने बताया कि 6 दिसंबर 2001 को आनंदीबाई पति बाबूलाल निवासी ग्राम लालपुर देवासरोड़ व उनके परिवार के अन्य लोगों से उनके आधिपत्य व स्वामित्व की कृषि भूमि सर्वे नं. 80 रकबा 4.139 हेक्टेयर में से 3.721 हेक्टेयर नफीसा अली, तसनीम और उनके परिवार के अन्य लोगों के द्वारा क्रय की गई थी। जमीन खरीदने के बाद तसनीम के हिस्से में सर्वे नंबर 80 में से 80/3, रकबा 0.531 हेक्टेयर की कृषि भूमि आई थी। इसी प्रकार अन्य परिवार के सदस्यों के नाम उक्त कृषि भूमि के हिस्से हुए जिसमें तसनीम की माता नफीसा पति मोहसिन अली उम्र 68 वर्ष का भी हिससा सर्वे नंबर 80 में से 80/5 आया और उनके हिस्से की कृषि भूमि 0.531 हेक्टेयर आई। तसनीम ने बताया कि वर्तमान में जानकारी प्राप्त हुई है कि मा नफीसा की कृषि भूमि को पिता मोहसीन ने असगर अली बादशाह पिता तैयब अली निवासी सदर व असगर अली पिता फकरूद्ीन मटकावाला निवासी 82 इब्राहिमपुरा बाखल और मुर्तजा पिता तुराब अली प्रेसवाला, शब्बीर फखरी पिता फकरूद्दीन लड्डूवाला के द्वारा आपस में संगनमत होकर फर्जी डिक्लेरेशन पर मेरे व मा नफीसा के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर आपस में बाट ली। 
मां-बेटी के फर्जी हस्ताक्षर कर जमीन आपस में बांट ली
नफीसा ने बताया कि इस बात की जानकारी तब हुई जब हमारी कृषि भूमि पर जाकर मालूमात की तथा राजस्व विभाग में जाकर समस्त दस्तावेजों देखे। जो भूमि वर्ष 2012-13 तक राजस्व विभाग में हमारे नाम पर दर्ज थी इसके बाद इन लोगों के द्वारा फर्जी तरीके से अपने नाम से करवाकर आपस में बांट ली गई। मोहसीन अली के द्वारा हमारे हिस्से की कृषि भूमि को 21 जनवरी 2013 को तहसीलदार ग्राम लालपुर के यहां आवेदन देकर अपने नाम से नामांतरण करवा लिया गया तथा 6 दिसंबर 2018 को साराह पति असगर अली व असगर अली पिता तैयब अली के नाम से रजिस्ट्री करवाकर 18 जनवरी को तहसीलदार के माध्यम से अपना नाम दर्ज करवा लिया। जबकि जो हिबानामा डिक्लेरेशन बनाया गया उस पर हम दोनों मां बेटी के हस्ताक्षर ही नहीं है और ना ही हमें कभी तहसील कार्यालय से कोई सूचना मिली कि हमारी जमीन का नामांतरण किया जा रहा है। 
पुलिस के साथ सीएम हेल्पलाईन में भी की शिकायत
मोहसीन अली मर्चेन्ट उनके पार्टनर असगर अली ने अपने साथियों के साथ मिलकर उक्त जमीन को हड़पने का षड़यंत्र रचा है इसमें तहसील कार्यालय के अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध है जिन्होंने जमीन के असल मालिक नफीसा और तसनीम को सूचना दिये बिना ही जमीन का नामांतरण कर दिया। इस पूरी धोखाधड़ी के संबंध पुलिस को शिकायत की गई है ताकि इन जालसाजों पर कार्यवाही हो सके। सुनवाई नहीं होने पर सीएम हेल्पलाईन पर भी शिकायत दर्ज करवाई गई है। 
विचार करने वाले तथ्य
नफीसा ने सवाल उठाया कि क्या कोई पिता अपनी ही बेटी या पत्नी से किसी जमीन को गिफ्ट यानी कि हिबानामा पर लेगा, वहीं अपने ही पार्टनर जिसे भाई मानता हो उसकी पत्नी को बेचेगा। 

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