जन्मोत्सव की खुशियों के साथ शिखरों पर चढ़े कलश
उज्जैन गौरव मुनिश्री साध्यसागर महाराज के 32वें जन्मोत्सव के साथ हुआ नमकमंडी जिनालय के शिखरों पर कलशारोहण
उज्जैन। उज्जैन गौरव मुनिश्री साध्यसागर महाराज का 32वां जन्मोत्सव नमकमंडी जिनालय के शिखरों पर कलशारोहण के साथ मनाया गया। इस महोत्सव में पावन सानिध्य मुनिश्री प्रणुतसागर महाराज ने प्रदान किया। विधानाचार्य के रूप में पं. नितीन झांझरी इंदौर और संगीतकार पंकज जैन इंदौर ने भक्ति भाव से विधान संपन्न कराया। प्रातः 6 बजे से प्रारंभ हुआ कार्यक्रम मंदिर के शिखरों पर कलशारोहण के साथ लगभग साढ़े बारह बजे समाप्त हुआ। साढ़े 6 घंटे चले इस आयोजन में भारी संख्या में समाजजन पूरे समय मौजूद रहे।
ट्रस्ट सचिव अनिल गंगवाल ने बताया कि प्रातः 6 बजे भूमि शुध्दि, मंडल विधान की शुध्दि, पात्रों की शुध्दि, के साथ ही आदिनाथ भगवान की प्रतिमा को पांडुकशीला पर विराजमान किया गया। पांडुकशीला पर भगवान विराजमान करने का अवसर जिनेन्द्र जैन चनेवाला परिवार को प्राप्त हुआ। इसके पश्चात भगवान के अभिषेक, नित्य नियम पूजन व शांतिधारा पूज्य मुनिश्री के द्वारा संपन्न कराई गई। शांतिधारा का सौभाग्य अनिलकुमार राजेशकुमार गंगवाल परिवार को प्राप्त हुआ। इसके पश्चात मंडल विधान का पूजन प्रारंभ हुआ। मंडल विधान पर पांच कलश स्थापित किये गये जिसमें मुख्य कलश जिनेन्द्र जैन चनेवाला परिवार द्वारा स्थापित किया गया तथा चार अन्य कलश नवीन ओमप्रकाश जैन परिवार, तेजकुमार विनायका, ज्ञानचंद चांदवाड़ परिवार, अनिल गंगवाल राजेश गंगवाल परिवार को प्राप्त हुआ। मंडल विधान के समक्ष अखंड दीप प्रज्जवलन का अवसर प्रकाशचंद्र वीरबाला परिवार को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर मंडल विधान पर रजत अष्टप्रतिहार और अष्टद्रव्य 16 परिवारों द्वारा मंडल विधान पर स्थापित किये गये। इसके पश्चात कलशों की शुध्दि के लिए उपस्थित समाजजनों के बीच से ऐसी सौभाग्यवती महिला जिनके माता-पिता, सास-ससुर जीवित हों तथा प्रथम संतान पुत्र के रूप में हो ऐसी सौभाग्यवती महिलाओं को आमंत्रित किया गया। शिखा वैभव जैन, ऋतु प्रशांत जैन, नेहा अर्पित कांसल, अंकिता जितेश डागरिया ने कलशों की शुध्दि की।
32वें जन्मोत्सव पर 32 परिवारों ने मुनिश्री को भेंट किये शास्त्र
मुनिश्री के पादप्रक्षालन का सौभाग्य धन्यकुमार राजेशकुमार कांसल परिवार, आचार्य विशुध्दसागरजी का पूजन का सौभाग्य ज्ञानचंद चांदवाड़ परिवार तथा 32वें जन्मोत्सव पर मुनिश्री को शास्त्र भेंट करने का अवसर प्रेमलता पुष्पेन्द्र बोहरा परिवार को प्राप्त हुआ। इसके पश्चात मंडल विधान का पूजन प्रारंभ किया गया। जिसमें मुख्य यजमान के रूप में सौधर्म इंद्र जिनेन्द्र चनेवाला परिवार तथा तीन द्वार और पांच छत्रियों के निर्माणकर्ता अनिल गंगवाल परिवार, ज्ञानचंद चांदवाड़ परिवार, शीतल पांडे चूड़ीवाला परिवार, महावीर बागड़िया परिवार, धन्यकुमार कांसल परिवार, प्रेमकुमार डागरिया परिवार, गजकवाला परिवार को इंद्र बनकर विधान करने का अवसर प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के पश्चात मुनिश्री के 32वें जन्मोत्सव के तहत 32 परिवारों द्वारा मुनिश्री को शास्त्र भेंट किये गये। समग्र समाज द्वारा सामूहिक रूप से इस अवसर पर तीनों मुनियों के श्रीचरणों में अर्घ समर्पित किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उज्जैन जैन समाज के इतिहास में ऐसा अभूतपूर्व आयोजन पिछले कई वर्षों में नहीं हुआ।
संयम, त्याग के पथ पर चलने के कारण मुझे सम्मान मिला
उपस्थितजनों को आशीर्वचन प्रदान करते हुुए मुनिश्री साध्यसागर ने कहा कि अपनों के बीच अपनी नगरी में संयम, त्याग के पथ पर चलने के कारण आज यह सम्मान मुझे प्राप्त हुआ है। अभिभूत हूं और अनुरोध करता हूं युवा शक्ति से कि त्याग का मार्ग पूजा करने वाले से आपको पूजनीय बना देता है। समाज के युवाओं से आव्हान करता हूं कि धर्म मार्ग पर चलकर अपने जीवन को सार्थक करें।
अखंडता, एकजुटता देख प्रसन्न हुए मुनिश्री
इस अवसर पर मुनिश्री प्रणुतसागर ने अपने उद्बोधन में उज्जैन की जैन समाज को अखंडित व एकजुटता के साथ कार्य करते देख समाज की भूरि भूरि प्रशंसा की और कहा इस समाज की एकता व भक्ति की जो ये शक्ति है यह निश्चित आने वाले समय में आचार्य भगवंत गुरू विशुध्दसागर महाराज का उज्जैन चातुर्मास में सहायक होगी। अल्पसमय में अचानक तैयार हुए इस आयोजन में मेरे प्रवास के तीनों दिन में नमकमंडी और समग्र जैन समाज ने जो धर्म की प्रभावना की है वह अभूतपूर्व है। प्रवचन उपरांत विधान और तमाम क्रियाओं से अभिमंत्रित कलशों को मस्तक पर विराजित कर छत्री व शिखर बनाने वाले परिवार प्रथमतल पर पहुंचे जहां सड़क और मंदिर में खचाखच जनता के बीच पूज्य मुनिश्री के पावन सानिध्य में मंत्रोच्चार के साथ पं. नितीन झांझरी ने शिखर पर कलशों की स्थापना का कार्य संपन्न किया। कलश स्थापित होते ही शिखर की आभा दिखने लगी। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट सचिव अनिल गंगवाल ने किया। दोपहर में मुनिश्री नयापुरा जिनालय दर्शनार्थ पहुंचे।
जन्मोत्सव पर शाम हो हुई भजनसंध्या
सायंकाल में पुनः नमकमंडी मंदिर में गुरूभक्ति व जन्मोत्सव के अवसर पर व साध्यसागर महाराज के गृहस्थ जीवन के माता-पिता, परिवार व शैलेन्द्र जैसवाल परिवार जिनके यहां मुनिश्री का आहार हुआ इस खुशी में भजन संध्या का आयोजन किया गया। दोनों परिवारों द्वारा प्रभावना वितरण की गई।
आज पंचायती मंदिर पहुंचेंगे मुनिश्री
आज प्रातः 7 बजे मुनिश्री नमकमंडी जिनालय से विहार कर फ्रीगंज स्थित पंचायती मंदिर पहुंचेंगे जहां मुनिश्री के प्रवचन व आहारचर्या संपन्न होगी। सायंकालीन सत्र में संभावित लक्ष्मीनगर मंदिरों के दर्शन करते हुए मक्सी की ओर विहार होगा। गुना होते हुए महाराजश्री जनवरी माह तक सोनागिरी पहुंचेंगे।