सेवाभावी, स्वस्थ और चरित्रवान युवा होते हैं राष्ट्र की शक्ति
जब जवानी खिलती है, मुसीबतें भागने लगती हैं- केदार दुबे
उज्जैन। समस्याओं को देखना अनुभव करना और समाधान लिए उठना युवा का गुण है। जिस ओर जवानी जाती है उस ओर जमाना जाता है। यही जवानी जब खिलती है मुसीबतें भागने लगती हैं।
युवा होने के यह मंत्र केदार प्रसाद दुवे राष्ट्रीय समन्वयक युवा प्रकोष्ठ शांतिकुज्ज हरिद्वार ने चिंतामण गणेश क्षेत्र के ग्राम टंकारिया में आयोजित युवा चेतना शिविर में भागीदारी कर रहे युवाओं को दिये। आपने उपस्थित युवाओं से पूछा कि क्या आपको स्वयं पर अपने माता-पिता पर, अपने देश अर्थात अपनी भारत माता पर अभिमान है यदि नहीं तो कीजिए और मानिये अपने जैसा दुनिया में और कोई नहीं। यह सब भारतीय बनने के लिए जरूरी है, नहीं तो इंडियन बनने का खतरा है। भारतीयता ने अंक, शून्य और दशमलव देकर प्रगति के द्वार खोले हैं और इंडियन मानसिकता वृद्धाश्रम खोल रही है। शिविर ग्रामीण परिवेश के युवाओं की अधिकता देखकर आपने बताया कि अथर्व वेद में उन्नत कृषि और सिचाई के सूत्र दिए गए हैं। प्राणियों के प्राण को पोषण देना भारतीय कृषि और जहर डालकर जहर खिलाने बाली इंडियन कृषि है। शांतिकुज्ज से पधारें आशीषसिंह ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित होने के लिए संकल्पित कराया। आपने कहा कि सेवाभावी, स्वास्थ्य और चरित्रवान युवा किसी भी राष्ट्र की शक्ति होते हैं। इसलिए इन गुणों को विकसित करने की पाठशाला शांतिकुज्ज हरिद्वार में आप सभी प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित हैं। प्रत्येक व्याख्यान के बाद प्रश्नोत्तर का आयोजन किया गया सही उत्तर देने बालों को तुरंत पुरस्कार भी दिये गये। उज्जैन उपझोन समन्वयक दामोदर लवानिया, डाँ शशिकांत शास्त्री ने भी युवाओं का मार्गदर्शन किया। इंदौर, नीमच, मंदसौर, आगर, शाजापुर जिले के युवा प्रतिनिधियों ने भी शिविर में भागीदारी की। जबलपुर के भास्कर तिवारी के नेतृत्व में आई संगीत टोली ने प्रेरणा गीतों द्वारा मार्गदर्शन किया। क्षेत्रीय युवाओं रवि वर्मा, रामेश्वर पटेल, दिलीप नागदिया की युवा टोली ने शिविर के संचालन सराहनीय सहयोग किया।