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अब तो ये हिन्दू, ये मुसलमान रहने दो.. लहरा दो तिरंगा और हिंदुस्तान रहने दो



उज्जैन। अमर शहीद बलराम जोशी की 45वीं जयंती पर शहीद पार्क स्थित उज्जैन के गौरव पुत्र पंडित बलराम जोशी के स्मारक स्थल पर पुष्पांजलि कार्यक्रम शहीद बलराम जोशी मंच द्वारा किया गया।
कवि एवं साहित्यकार सुगनचंद जैन की अध्यक्षता में सैकड़ों राष्ट्र प्रेमी एकत्रित हुए। इस अवसर पर राष्ट्रपति अलंकरण से सम्मानित स्वामी मुस्कुराके ने कहा कि जंग तो चंद रोज की होती है और जिंदगी वर्षों तक रोती है.. चमन में फूल, हाथों में गुलदान रहने दो.. मंदिर में भजन, मस्जिद में अजान होने दो.. दो ही कोम है, जिसकी बात दुनिया करती है.. अब तो ये हिन्दू, ये मुसलमान रहने दो.. रंगों में बांट बांट कर बे रंग सा कर दिया है.. बना दो तिरंगा और पुराना हिंदुस्तान रहने दो। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कवि सुगनचंद जैन ने कहा कि मुझे ना जियो का डाटा चाहिए. ना ही पतंजलि का आटा चाहिए.. ना ही जूता बाटा चाहिए.. हमें तो पाकिस्तान में अब सन्नाटा चाहिए। स्टेट बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेमसिंह यादव ने कहा कि बलराम जोशी के तन मन में देश भक्ति का जुनून था। देश की एकता की खातिर अपने प्राणों की आहुति प्रदान कर उज्जैन को गौरव गरिमा प्रदान की। पंडित देवेन्द्र पुरोहित ने बलराम जोशी के कृतित्व और व्यक्तित्व जानकारी प्रदान की। सभा का संचालन पंडित राजेश जोशी ने किया एवं आभार संयोजक कमल चौहान ने माना। इस अवसर पर दीपांजलि एवं अश्रुपूरित पुष्पांजलि शहीद बलराम जोशी परिवार की बहन दुर्गा, उमा, हंसा, शिवानी, सोनी जोशी ने की। इस मौके पर किशोर जोशी, गोविन्द प्रजापत, प्रभामनी चौहान, मनोज तिलक, मास्टर दिव्यांश, देवाशीष चौहान उपस्तिथि थे।

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