सहकारिता में नवाचार की आवश्यकता- परमार
उज्जैन। सहकारिता में नवाचार की आवश्यकता है, किसान सहकारी संस्था को केवल खाद, बीज या ऋण प्राप्त करने का माध्यम मानते हैं। जबकि इसके अतिरिक्त सहकारिता के माध्यम से किसान हितेषी अन्य योजनाओं पर कार्य करने की आवश्यकता है।
उक्त विचार जिला सहकारी संघ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह अंतर्गत प्राथ. कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित, डाबड़ा, राजपूत में आयोजित सहकारी सम्मेलन में तराना के विधायक महेश परमार ने व्यक्त किये। परमार ने कहा कि संस्था को अपने कृषक सदस्यों को कृषि जिंस को उचित दर पर खरीद कर अपना प्रोसेसिंग प्लांट का संचालन करते हुए उससे उत्पाद तैयार कर मार्केट में व्यवसाय करना होगा जिससे संस्था के साथ ही साथ कृषकों को लाभ प्राप्त होगा। इस हेतु महाराष्ट्र के सहकारी आंदोलन का माॅडल अपनाना होगा। जिला संघ एवं सहकारिता विभाग को चाहिये की सहकारी सप्ताह के अतिरिक्त वर्ष भर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करना होगा जिससे संस्था तथा सदस्यों का संवाद निरंतर बना रहे। जिससे सदस्य अपनी संस्था के प्रति रूचि रखेंगे तथा उसमें बराबरी से सहभागी होंगे। कार्यक्रम की रूपरेखा एनएस भाटी प्रशासक ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम को गंगासिंह, कैलाश मोटी, रामसिंह सोंती, नगरपालिका अध्यक्ष उमेश शर्मा, सोनपाल सिंह चैहान, चंद्रपालसिंह चैहान, ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष गजराजसिंह चैहान, आरएल परमार, दिलीप असरानी, शिवकुमार गेहलोत आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर संस्था प्रबंधक भारतसिंह चैहान, शाखा प्रबंधक अरविंद प्रजापती, माकड़ोन नगर परिषद अध्यक्ष शर्मा, संतोष रावल, तुकाराम रावल, ईश्वरसिंह, सुमेरसिंह आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पूर्व सीओ जिला संघ जगदीशप्रसाद बैरागी ने किया। अंत में आभार कप्तानसिंह ने माना।