औसत से कई गुना अधिक बारिश हुई है उसने अन्नदाता के साथ साथ व्यापार को भी प्रभावित किया है
भारत में किसान की फसल से बाजार तय होता है जब किसान खुश तो बाजार खुश आम आदमी खुश होता है लेकिन इस वर्ष उज्जैन जिले भर में औसत से कई गुना अधिक बारिश हुई है उसने अन्नदाता के साथ साथ व्यापार को भी प्रभावित किया है गत वर्ष से आवक आधी रह गई है। जो माल आ रहा है वह भी ठीक नहीं है मंडी में 10 से ₹12000 बोरी की आवक हो रही है सभी 80 फीसद सोयाबीन डैमेज व मिट्टी वाली होने से कारोबार जोखिम वाला हो गया है. बीते वर्ष इन दिनों तक मंडी में सोयाबीन की आवक 475000 बोरी की एक बार आंकड़ा अब तक 225000 बोरी तक पहुंचा है इसमें सबसे बड़ी बात है कि कर्मचारियों के वेतन पर संकट आ गया मंडी के राजस्व कमी कारण कर्मचारियों के पगार भी संकट आ गई है मंडी में अधिकारी सहायक कर्मचारी है हर माह 32 लाख 21 हज़ार पगार देना पड़ती है.लेकिन अब उसके भी लाले पड़ने वाले है अगर मंडी में आवक नहीं होगी तो बाजार पर भी इसका सीधा असर होगा