अभा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल हुए उज्जैन के शिक्षक
देशभर के 28 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से 3 हजार से अधिक शिक्षक और शिक्षाविद हुए शामिल
उज्जैन। म.प्र. शिक्षक संघ के अभा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन महेसाणा गुजरात में हुआ जिसमे उज्जैन जिले के अलावा देशभर के 28 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से 3 हजार से अधिक शिक्षक और शिक्षाविद शामिल हुए। अधिवेशन में मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के महामंत्री क्षत्रवीरसिंह राठौर ने अनुकपा नियुक्ति में बीएड, डीएड व पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता समाप्त करने, पुरानी पेंशन चालू करने की मांग प्रमुखता से रखी।
अधिवेशन में उज्जैन जिले से प्रांतीय प्रशिक्षण प्रकोष्ठ प्रभारी बाबूलाल बैरागी, जिला संगठन मंत्री सुभाष पाटीदार, जिला सचिव जगदीश सिंह केलवा, जिला कोषाध्यक्ष प्रवीण शर्मा भाटी, उपसचिव ओम प्रकाश दुबे सहित शिक्षकगण शामिल हुए। अधिवेशन का उद्घाटन गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी सिंघल, महामंत्री शिवानंद सिंदनकेरा, राष्ट्रीय संघटन मंत्री महेन्द्र कपूर की उपस्थिति एवं संघ के पालक अनिरूध्द देशपांडे के मार्गदर्शन में हुआ। अधिवेशन में देशभर के शिक्षकों से उनके जीवनकाल में एकबार एकत्रित सौ रूपये के ब्याज से देशभर में से तीन मूर्धन्य शिक्षकों को एक-एक लाख की राशि से प्रतिवर्षानुसार सम्मानित किया जाता है। यह सम्मान गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेन्द्र चुडासमा, महाराष्ट्र के कनेरी मठ के महास्वामी अदृश्य काडसिध्देश्वर के करकमलों से दिया गया। अधिवेशन के समापन अवसर पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, आरएसएस के कार्यवाह भैया जोशी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ एवं तीन दिन तक राष्ट्र की अवधारणा देशभक्ति एवं पर्यावरण में शिक्षक की भूमिका, भारत के भविष्य की शिक्षा, राष्ट्रभर के शिक्षकों की समस्याओं जैसे विषयों पर चिंतन-मंथन करके तीन प्रस्ताव पारित किये गये। इन प्रस्तावों को देश के शिक्षक संघटन, राज्य सरकारों, केन्द्रीय शासन को सौंपकर क्रियान्वयन की अपेक्षा की गई।