भावुक पलों के बीच साध्वी मंडल को विदाई, समाजजनों ने पुण्य की पूंजी कमाई
खाराकुआ पेढ़ी मंदिर से निकला चातुर्मास परिवर्तन जुलूस, गीतों के जरिए गुणानुवाद
उज्जैन। चातुर्मास दौरान सतत् धर्म की गंगा बहाने वाले साध्वी मंडल के विदाई की बेला जब आई तो समाज जन भावुक हो उठे। गीतों के जरिए महिला मंडलो ने साध्वी हेमेंद्र श्रीजी, चारुदर्शा श्रीजी का गुणानुवाद किया तो उपस्थित जन भाव विभोर हो गए। मंगलवार सुबह 9.30 बजे खाराकुआ पेढ़ी मंदिर से साध्वी मंडल का चातुर्मास परिवर्तन जुलूस निकला। एटलस चैराहा फवारा चैक दौलतगंज होते हुए लाभार्थी परिवार नरेंद्र कुमार महेंद्र कुमार तरसिंग दलाल परिवार के निवास पहुंचा। यहां महिला मंडल ने गरबा खेलकर साध्वी जी की अगवानी की। इसके उपरांत धर्म सभा हुई। बता दे कि कार्तिक पूर्णिमा को श्वेतांबर जैन समाज के चातुर्मास का समापन होता है।
धर्मसभा में साध्वी चारु दर्शा श्रीजी मसा ने कहा कि आज चातुर्मास का परिवर्तन हो रहा है। हमें यह भी विचार करना चाहिए कि इस अवधि में हमने कितना पुण्य कमाया और हमारे जीवन में क्या परिवर्तन आया। अपने सांसारिक घर में प्रवेश होने पर उन्होंने अपने पिता श्री स्व. उच्छबलाल जी जैन के उपकारो को याद किया और कहा कि माता-पिता के संस्कारों से ही बच्चे धर्म के मार्ग पर प्रशस्त होते हैं। बता दें कि साध्वी जी सखीपुरा के ही निवासी रहे है और उनके सांसारिक परिवार ने ही आज उनके चातुर्मास परिवर्तन का लाभ लिया। 35 वर्ष के अंतराल के बाद उनका उज्जैन में चातुर्मास हुआ है। 42 वर्ष पूर्व उन्होंने दीक्षा ग्रहण की थी।
इस दौरान मनोहर हिंदू महिला मंडल, ममता जैन खलीवाला और डॉ. सुभाष जैन, विधिकारक बृजेश श्रीमाल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किए। पाठशाला के गुरुजी सुभाष भाई का लाभार्थी परिवार पेढ़ी ट्रस्ट की ओर से बहुमान किया गया। ट्रस्ट सचिव जयंतीलाल जैन तेल वाला के अनुसार चातुर्मास परिवर्तन की प्रक्रिया हो चुकी। इसके साथ ही अब साधु साध्वी का पैदल विहार आरंभ हो जाएगा। सभा का संचालन राहुल कटारिया ने किया व आभार नरेंद्र कुमार तरसिंग ने माना।