आज मेघदूतम पर काव्यपाठ, हिंदी वाद-विवाद स्पर्धा के साथ शाम को युगल गायन
कालिदास समारोह का षष्ठ दिवस
उज्जैन | अखिल भारतीय कालिदास समारोह के षष्ठ दिवस प्रातःकाल विद्यार्थियों के मुख से मेघदूतम के श्लोक गूंजेंगे। सिंधिया शोध संस्थान में प्रात: 9 बजे से अन्तरमहाविद्यालयीन कालिदास काव्यपाठ प्रतियोगिता होगी जिसमें मेघदूतम् से अपनी रुचि अनुसार चयनित श्लोको का पाठ किया जा सकेगा।
इसी प्रतिष्ठान के कालिदास सभागार में दोपहर एक बजे से "कालिदास की नायिकाएँ नायकों से बढक़र हैं" विषय पर अन्तर्विश्वविद्यालयीन हिंदी वादविवाद स्पर्धा होगी।
अकादमी की निदेशक प्रतिभा दवे के अनुसार सायं 5 बजे से अकादमी स्थित अभिरंग नाट्यगृह में "भारतीय लोक एवं कला के पारस्परिक सम्बन्धों पर नर्मदाप्रसाद उपाध्याय, इंदौर का व्याख्यान होगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. श्रीकृष्ण जोशी, उज्जैन करेंगे।
रात्रि सात बजे से भरत विशाला मंच पर देवेन्द्र शर्मा, धौलपुर तथा वी. अनुराधासिंह, भोपाल द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। साथ ही कल्पना झोकरकर व अनुज्ञा झोकरकर, इंदौर का युगल गायन भी होगा।
कलाकारों का परिचय
कथक
श्री देवेंद्र शर्मा, धौलपुर
लखनऊ घराने के कथक नर्तक देवेंद्र शर्मा भोपाल दूरदर्शन में बी श्रेणी के कलाकार हैं। वे बीते 18 वर्षो से भारतीय शास्त्रीय नृत्य लास्य कथक संस्थान आगरा में प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। वे ट्रांसजेंडर हैं। स्वभावत: उनके निजी जीवन के संघर्ष और अनुभूतियों के बीच नृत्य कला के क्षेत्र में उनकी यात्रा रसिकों को स्वतः आकर्षित करती है।
युगल गायन
सुश्री कल्पना झोकरकर व अनुजा झोकरकर, इंदौर
मधुर स्वर की धनी कल्पना झोकरकर ने गायन की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता गुरु पं. कृष्ण राव मजूमदार से ली। फिर उन्होंने डॉ सुशीला पोहनकर व पं.वसंत राजुरकर से बारीकियां सीखी। उनके गायन में परम्परा के साथ प्रयोगधर्मिता का सुंदर मेल है।
शास्त्रीय नृत्य कथक
सुश्री वी. अनुराधा सिंह , भोपाल
सुश्री अनुराधा शास्त्रीय कथक नृत्य की ख्यात कलाकार हैं। चक्रधर नृत्य केंद्र भोपाल के अंर्तगत गुरु शिष्य परम्परा में प्रशिक्षित अनुराधा इन्दिरा गांधी कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ से कथक में स्नातकोत्तर उपाधि के साथ स्वर्ण पदक प्राप्त है। वे कथक के रायगढ़ घराने के पण्डित कार्तिकराम और पण्डित रामलाल की शिष्या है। देश-विदेश के अनेक मंचों पर प्रस्तुति देकर उन्होंने कथक की गरिमा में श्रीवृद्धि की है।