निश्छल भक्ति में इतनी शक्ति है कि भगवान, भक्त का मुनीम बन जाता है- मुरारीजी
उज्जैन। निश्छल भक्ति में इतनी शक्ति होती है कि प्रभु भक्त की एक आवाज पर दौड़े चले आते हैं, नरसिंह भगत इसके उदाहरण है, जिन्होंने श्रीकृष्ण की भक्ति में अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया था। जीवन में यदि समर्पण का भाव है तो मुश्किल से मुश्किल काम भी आसान हो जाता है। भक्ति में समर्पण ही प्रभु मिलन का रास्ता है। जो समर्पण की राह पर चल निकलता है। प्रभु स्वयं उसके मार्ग में पुष्पवर्षा करते हैं।
अग्रवाल भवन मोदी की गली में चल रहे नानी बाई के मायरे के पहले दिन अनिरूध्द मुरारी ने भक्त नरसिंह मेहता के जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि जन्मजात गूंगा भी यदि सच्चे मन से प्रभु को पुकारे तो गूंगा भी बोलने लगता है। जैसे नरसिंह मेहता के साथ हुआ। आपने बताया कि जन्मजात गूंगे नरसिंह मेहता को उनकी दादी शिवजी के मंदिर ले गई। वहां एक संत मिले और आशीर्वाद दिया कि यह बालक जीवनभर भगवान के भजन गाएगा लेकिन जब संत को बताया गया कि बालक तो गूंगा है तब संत के कहने पर बालक ने ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय के उच्चारण का प्रयास किया और चमत्कार हो गया नरसिंह की वाणी मुखर हुई और जयकारे से पूरा माहौल गूंज उठा। श्री अग्रोहा महिला ट्रस्ट के तत्वावधान में चल रही कथा में प्रथम दिन पं. मुरारी ने भक्त नरसिंह मेहता के जन्म का वर्णन करते हुए बताया कि 400 साल पहले उनका जन्म नागर ब्राह्मण परिवार में हुआ था। जन्म से गूंगे और बाद में प्रभु कृपा से वाणी प्राप्त होने के बाद वे कुशल व्यापारी बने, पिता के एक पेढ़ी के व्यापार को बढ़ाकर 360 पेढ़िया कायम की लेकिन एक समय ऐसा आया कि उन्होंने वैराग्य ले लिया और भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो गए। अपनी सारी संपत्ति धार्मिक आयोजनों मे खर्च कर दी। एक दिन एक संत को 700 रूपये न देने के कारण उसे हुंडी लिखवाकर दे दी और कहा कि द्वारका में इस हुंडी का भुगतान हो जाएगा। द्वारका में स्वयं भगवान ने मुनीम बनकर हुंडी का भुगतान किया। आपने कहा कि जब भक्ति सच्चेमन से की जाए तो भगवान भक्त का मुनीम बन जाता है। कथा के प्रारंभ में कथा वाचक पं. अनिरूध्द मुरारी, सरोज अग्रवाल, श्यामली गर्ग, दर्शना मित्तल, पुष्पा गर्ग, हेमलता गुप्ता, तृप्ति मित्तल, प्रमिला गोयल, अर्पित गोयल, अंकुर गर्ग, इंदु गोयल ने दीप प्रज्जवलन कर कथा का शुभारंभ किया। संचालन अनिता गोयल ने किया।
कबीर के भजन पर नृत्य नाटिका
आज कथा स्थल पर सेवाधाम आश्रम के बच्चों ने कबीर के भजन भोलो कहां ढूंढे रे बंदे पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत की।
कथा में आज
कथा में आज दूसरे दिन नरसिंह मेहता के श्राध्द की कथा, नानी बाई के यहां होने वाली शादी का निमंत्रण पत्र मायरे की सूची और भक्त नरसिंह मेहता का शादी में जाने के प्रसंग की कथा होगी।