महाकाल मन्दिर में शिव नवरात्रि उत्सव प्रारम्भ, आज से प्रारम्भ हुआ हल्दी उपटन का अनूठा श्रृंगार
उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मन्दिर में महाशिवरात्रि के पहले रविवार 24 फरवरी से शिव नवरात्रि उत्सव प्रारम्भ हो गया है। इसके तहत सबसे पहले कोटितीर्थ कुण्ड स्थित श्री कोटेश्वर महादेव पर शिव पंचमी का पूजन-अभिषेक रविवार सुबह 8 बजे से 9 बजे तक किया गया। प्रतिवर्ष अनुसार 11 ब्राह्मणों और 2 सहायक पुजारियों को एक-एक सोला तथा वरूणी प्रदान की गई।
कोटेश्वर महादेव के पूजन-आरती के पश्चात श्री महाकालेश्वर भगवान का पूजन-अभिषेक एवं 11 ब्राह्मणों द्वारा एकादश एकादशनी रूद्र अभिषेक किया गया। इसके बाद भोग आरती की गई। अपराह्न में महाकालेश्वर भगवान का सन्ध्या पूजन के पश्चात अनूठा श्रृंगार किया गया, जिसमें उन्हें गुलाबी रंग के वस्त्र, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट मुंडमाल, छत्र आदि धारण कराया गया। गौरतलब है कि शिव नवरात्रि के दौरान मन्दिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इस दौरान भगवान महाकालेश्वर के दर्शन नन्दी मण्डपम के पीछे लगे बेरिकेट्स से होंगे। महाकाल मन्दिर में शिव नवरात्रि का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और प्रतिदिन महाकाल का आकर्षक श्रृंगार किया जायेगा।
शिव नवरात्रि में प्रतिदिन होगा हरि कीर्तन
श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रांगण में 24 फरवरी से 5 मार्च तक शिव नवरात्रि में प्रतिदिन हरि कीर्तन होगा। हरि कीर्तन लगातार इन्दौर के कानड़कर परिवार द्वारा वर्ष 1919 से वंश परम्परा अनुसार किया जा रहा है। इसी तारतम्य में सुविख्यात हरि कीर्तनाचार्य स्व.पं.श्रीराम कानड़कर के सुपुत्र पं.रमेश कानड़कर द्वारा शिवकथा हरि कीर्तन का आयोजन शाम 4 बजे से 6 बजे तक मन्दिर परिसर में नवग्रह मन्दिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर किया गया।