पद्मश्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर के जन्म शताब्दी वर्ष में आयोजित 23वें रॉक आर्ट सोसायटी ऑफ इंडिया कांग्रेस 2019 का हुआ उद्घाटन
डॉ. वाकणकर संस्कृति के सच्चे पुरोधा व अनुयायी थे
उज्जैन। पुरातत्व वेत्ता पद्मश्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर के जन्म शताब्दी वर्ष में आयोजित 23वें रॉक आर्ट सोसायटी ऑफ इंडिया कांग्रेस 2019 का उद्घाटन शुक्रवार सुबह 10 बजे संस्कार भारती के पितृपुरूष योगेन्द्र वशिष्ठ, डॉ. व्यंकटेश्वरलू हैदराबाद, डॉ. अरविंद जामखेड़कर मुंबई के मुख्य आतिथ्य में हुआ। अध्यक्षता डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित ने की।
अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। डॉ. दिलीप वाकणकर द्वारा स्वागत भाषण दिया गया एवं वाकणकर भारती संस्कृति अन्वेषण न्यास के द्वारा आयोजित कार्यक्रम के उद्देश्य बताए। डॉ. अरिकेता प्रधान द्वारा अतिथियों का परिचय दिया गया। वाकणकर न्यास के सचिव डॉ. दिलीप वाकणकर एवं डॉ. नलिनी रेवड़ीकर द्वारा शॉल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर अतिथियों का स्वागत किया गया। पूराकला व्हाल्यूम 28, कांग्रेस 19 सोविनियर व मीनाक्षी दुबे द्वारा लिखित पुस्तक पावरफूल इमेजेस छत्तीसगढ़ का मंचासीन अतिथियों ने विमोचन किया। ऑल इंडिया रॉक आर्ट सोसायटी सचिव डॉ. गिरीराज कुमार ने रॉक आर्ट सोसायटी के उद्देश्यों को स्पष्ट किया। डॉ. कैलाश पांडे दशपुर रॉक आर्ट सोसायटी केन्द्र के द्वारा रॉक ऑर्ट के क्षेत्र में कार्य करने वाले सहभागियों का प्रशस्ति पत्र व रजत पत्र देकर सम्मान किया गया।
योगेन्द्र वशिष्ठ ने अपने अनुभव एवं डॉ. वाकणकर द्वारा किये गये कार्य पर विस्तार से चर्चा की। आपने बताया कि डॉ. वाकणकर ने अल्प साधनों में विभिन्न उत्खनन किये। चित्र प्रदर्शनियां लगाई। डॉ. व्यंकटेश्वर लू ने कहा मेरा क्षेत्र थोड़ा भिन्न है फिर भी ये कार्य उसका एक पहलू है और इस प्रकार के आयोजन होना चाहिये। डॉ. अरविंद जामखेड़कर ने अपने कार्य को पॉवर पाईंट द्वारा स्पष्ट किया। आपने विभिन्न शैलियों, कालखंड के अनुसार, मूर्तियों की बनावट, चित्र शैली अन्य विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला। आपने रॉक आर्ट के संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रयास किये जाने चाहिये इस पर विशेष बल दिया। डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित ने डॉ. वाकणकर के जीवन व उनके कार्यों पर अपने विचार रखे। आपने कहा कि डॉ. वाकणकर सभी के प्रेरणा स्त्रोत रहे हैं। आपने डॉ. वाकणकर द्वारा लिखित अंतिम शोध पत्र के कुछ बिंदुओं के पढ़कर सुनाया। आपने कहा कि डॉ. वाकणकर संस्कृति के सच्चे पुरोधा व अनुयायी थे। इस अवसर पर रॉक आर्ट सोसायटी के सदस्य पुरातत्ववेत्ता, श्री पंचोली, डॉ. कैलाश पांडे, नारायण व्यास व अन्य गणमान्यजन मौजूद रहे। संचालन डॉ विद्या जोशी ने किया एवं आभार संस्था न्यास की कोषाध्यक्ष डॉ. नलिनी रेवड़ीकर ने माना।
आज पुरस्कार वितरण, सितार वादन
समारोह में आज 23 फरवरी को डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर की जन्म शताब्दी वर्ष में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सितार वादिका सुश्री स्मिता नागदेव का सितार वादन का कार्यक्रम आश्रय होटल देवास रोड़ पर शाम 7 बजे से होगा।