उज्जैन के बालमंच, रंगमच से अभिनय सीखने वाले तरूण ने छोटे पर्दे पर रखा कदम
तरूण का सपना, बड़े पर्दे पर छाकर उज्जैन तथा अपने गांव का नाम रोशन करना
उज्जैन। उज्जैन के बालमंच और रंगमंच से अभिनय सीखने वाला हाटपिपलिया जैसे छोटे गांव के तरूण फुलवर ने छोटे पर्दे पर अपने अभिनय से सबका दिल जीत लिया है। तरूण का सपना अब बड़े पर्दे पर छाना तथा उज्जैन तथा अपने गांव का नाम रोशन करना है।
तरुण फुलवर पिता गिरधारी लाल फुलवर हाटपिपलिया से निकल कर देवास आए ओर देवास में रंगमंच से जुड़ गए फिर वहां से उज्जैन में बाल मंच, रंगमंच से जुड़े और अभिनय सिखा और कई सारे नाटक किए अभ्यास के दौरान देवास से उज्जैन रोज अप डाउन करते थे। शुरू से ही रुचि थी कि इस फील्ड में आगे जाएं और आज मुंबई में संघर्ष कर रहे हैं। हाल ही में स्टार भारत पर सावधान इंडिया में उन्हें देखने का मौका मिला और पहली ही बार में उन्होंने अपने अभिनय से सबका दिल जीत लिया। तरूण का लक्ष्य फिल्मों में काम करना है। बता दें कि फुलवर की फैमिली से कोई भी पहले से इस फील्ड में नहीं है। उन्होंने खुद की पहचान स्वयं बनाई है और आज इस मुकाम पर हैं, आर्थिक परेशानी भी रही शुरू से पर उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी फुलवर बताते हैं कि कोई साथ दे या ना दे लेकिन आप खुद का साथ दे तो सब कुछ हो सकता है। सब कुछ संभव है आज उन्होंने अपनी मेहनत से हाटपिपलिया, देवास ओर उज्जैन का नाम रोशन किया है।