तंबाकू सेवन के विरोध में शैक्षणिक संस्थाओं में आगामी 25 फरवरी से यलो लाईन अभियान चलाया जायेगा
उज्जैन । तंबाकू के सेवन से शरीर के हर अंग को कैंसर का खतरा रहता है। स्कूलों एवं महाविद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों में इसकी लत न लगे, इसके लिये आगामी 25 फरवरी से यलो लाईन अभियान चलाया जायेगा। इसके तहत शैक्षणिक संस्था के सौ मीटर के दायरे में तंबाकू के उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। यह निर्णय कलेक्टर श्री शशांक मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित जिला स्तरीय तंबाकू नियंत्रण अधिनियम-2003 के क्रियान्वयन को लेकर आयोजित की गई बैठक में लिया गया। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर, माधव कला महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.हेमन्त नामदेव, पूर्व आचार्य एवं समाजशास्त्री श्री शैलेन्द्र पाराशर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एमएल मालवीय एवं मप्र वॉलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद थे।
बैठक में मप्र वॉलेंट्री हेलथ एसोसिएशन के द्वारा जानकारी दी गई कि तंबाकू नियंत्रण अधिनियम-2003 के तहत कार्यालयों एवं सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध 200 रुपये दण्ड का प्रावधान है। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया है कि वे जिले के सभी कार्यालयों में बैनर एवं रसीद कट्टा उपलब्ध करायें, ताकि धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध अर्थदण्ड की कार्यवाही की जा सके। कलेक्टर ने जिले में धूम्रपान अधिनियम के क्रियान्वयन के लिये इंफोर्समेंट स्क्वाड का गठन करने के निर्देश भी दिये हैं।
तंबाकू जानलेवा है
बैठक में जानकारी दी गई कि तंबाकू सेवन से शरीर के हर अंग को कैंसर का खतरा है। प्रतिवर्ष विश्व में करीब 50 लाख और भारत में 8 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण होती है। तंबाकू में चार हजार किस्म के रसायन होते हैं, जिसमें से 60 तत्व कैंसर जैसे रोग उत्पन्न कर सकते हैं। तंबाकू में मौजूद निकोटिन नशे का आदि बना देता है। यह धूम्रपान के सात सेकेण्ड के अन्दर मस्तिष्क में पहुंच जाता है और फेफड़ों और धमनियों में घुल जाता है।
तंबाकू सेवन से गले, मुंह, फेफड़े, आहार नली, गुर्दा, रक्त, पेट, मूत्राशय, स्तन, लीवर और गर्भाशय का कैंसर होता है। इसी तरह फे फड़ों का सिकुड़ना, फेफड़ों में गांठ बनना, अस्थमा व ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां भी होती हैं। साथ ही अंग का गल जाना, अपंगता आना, हृदयघात, हृदय शूल, रक्तवाहिका में रक्त प्रवाह की रूकावट, नशावृत्ति, लकवा, मस्तिष्क की रक्त वाहिनियों में रूकावट जैसी बीमारियां भी तंबाकू व धूम्रपान से होती है। स्त्रियों में बांझपन, गर्भपात, समय से पहले बच्चे का जन्म, कम वजन के बच्चे का जन्म, मरे हुए शिशु का जन्म, शिशुओं में जन्मजात विकृति तंबाकू के सेवन एवं तंबाकू के पदार्थों के धूम्रपान से होती है। पुरूषों में नपुंसकता एवं शुक्राणु की कमी भी इसी के चलते दृष्टिगत होती है।