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कलेक्टर ने रात 10 बजे के बाद लाऊड स्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया, आगामी परीक्षाओं के मद्देनजर जारी किये आदेश


 

उज्जैन । कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शशांक मिश्र ने आगामी समय में आयोजित परीक्षाओं और छात्रहित को ध्यान में रखते हुए मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम-1985 की धारा-10(2) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जिले में ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिये हैं। उक्त आदेश पूरे जिले में तत्काल प्रभाव से लागू हो गये हैं। आदेश के तहत रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक किसी भी दशा में किसी भी ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग की अनुमति नहीं दी जायेगी। गौरतलब है कि आगामी मार्च माह से बोर्ड की परीक्षाएं प्रारम्भ हो रही हैं।

किसी चिकित्सालय, नर्सिंग होम, दूरभाष केन्द्र, न्यायालय, शिक्षण संस्थान, सरकारी कार्यालय, स्थानीय प्राधिकरण के कार्यालय तथा बैंक से 200 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग की अनुमति नहीं दी जायेगी।

आदेश के तहत डीजे का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा और एक वाहन एवं किसी भी स्थल पर दो से अधिक चिलम (यंत्र) के उपयोग की अनुमति नहीं दी जायेगी। सार्वजनिक स्थलों के लिये निर्धारित परिवेशीय ध्वनि मानक से 10 डेसीबल से अधिक या ध्वनि करने वाले लाऊड स्पीकर पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। प्रायवेट साउण्ड सिस्टम किसी निजी व्यक्ति या संस्था द्वारा इस्तेमाल करने पर निर्धारित ध्वनि मानक से पांच डेसीबल से अधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले साउण्ड सिस्टम प्रतिबंधित रहेंगे।

कोई भी व्यक्ति जो उक्त आदेशों का उल्लंघन करेगा, उसका कृत्य कोलाहल नियंत्रण अधिनियम की धारा-15(1) के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा, जिसके अन्तर्गत वह छह माह के कारावास या जुर्माना जो कि एक हजार रुपये तक हो सकेगा या दोनों से दण्डित हो सकेगा। इसके अतिरिक्त ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियम-2000 के अन्तर्गत अपराध पाये जाने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 की धारा-15 के तहत पांच वर्ष की सजा या एक लाख रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकेगा।

 

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