मार्च से लेकर जुलाई-15 तक पेयजल आपूर्ति की कार्य योजना बनाने के निर्देश
संभागायुक्त ने संभागीय समीक्षा बैठक ली
उज्जैन । संभागायुक्त श्री अजीत कुमार ने संभाग के सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे मार्च माह से लेकर जुलाई-15 तक विभिन्न नगरीय क्षेत्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिये कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करें। उन्होंने ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने के निर्देश दिये हैं, जहां पर ग्रीष्मकाल में पेयजल परिवहन करना पड़ सकता है। संभागायुक्त ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधीक्षण यंत्री को निर्देशित किया है कि वे संभाग के सभी जिलों में अलग-अलग समय में संभावित बन्द होने वाले हैण्ड पम्पों एवं नल जल योजनाओं की सूची बनाकर अभी से इनके स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था क्या की जा सकती है, इसकी कार्य योजना बनायें। बैठक में उज्जैन कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, शाजापुर कलेक्टर श्री श्रीकान्त बनोठ, आगर कलेक्टर श्री अजय गुप्ता, देवास कलेक्टर श्री श्रीकान्त पाण्डेय, नीमच कलेक्टर श्री राजीवरंजन मीणा, मंदसौर कलेक्टर श्री धनराजू, रतलाम कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान, वन मण्डलाधिकारी श्री पीएन मिश्रा, सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित विभिन्न संभागों के संभागीय अधिकारी मौजूद थे।
संभागायुक्त ने विभिन्न नगरीय निकाय, जिनमें नगर निगम उज्जैन, रतलाम एवं देवास शामिल हैं, में आने वाले समय में पेयजल आपूर्ति के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा निर्देश दिये कि सभी नगरीय निकायों में पेयजल आपूर्ति का प्रबंध करने हेतु विस्तृत कार्य योजना बनाई जाये। बैठक में जानकारी दी गई कि उज्जैन जिले में महिदपुर, उन्हेल, रतलाम में जावरा, सैलाना, शाजापुर जिले में पोलाय एवं शुजालपुर कस्बों में ग्रीष्म ऋतु में पेयजल आपूर्ति में समस्या आती है। संभागायुक्त ने इन सभी स्थानों के लिये कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधीक्षण यंत्री ने बताया कि संभाग में 2752 ग्राम पंचायतें एवं 5831 गांव हैं। सभी ग्रामों में हैण्ड पम्प एवं नल जल योजनाओं से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। संभागायुक्त ने हैण्ड पम्प खराब होने की स्थिति में त्वरित संधारण के निर्देश दिये हैं।
गेहूं उपार्जन का कार्य 25 मार्च से प्रारम्भ होगा
भण्डारण की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश
संभागायुक्त ने बैठक में गेहूं उपार्जन की समीक्षा की तथा निर्देश दिये कि गेहूं भण्डारण में किसी तरह की समस्या न आये, इसके लिये अभी से तैयारी कर ली जाये। बैठक में जानकारी दी गई कि गेहूं उपार्जन का कार्य 25 मार्च से प्रारम्भ होकर 24 मई तक चलेगा। गेहूं का समर्थन मूल्य 1840 रुपये घोषित किया गया है। समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिये पंजीयन का कार्य 21 जनवरी से प्रारम्भ हो चुका है तथा 29 मार्च तक चलेगा। इसी तरह चना, मसूर एवं सरसों के पंजीयन का कार्य भी 13 फरवरी से प्रारम्भ होकर 9 मार्च तक चलेगा। बैठक में जानकारी दी गई कि संभाग में इस बार गेहूं का रकबा 28 हजार हेक्टेयर घटा है। संभागायुक्त ने उपार्जित किये जाने वाले गेहूं का भण्डारित किये जाने हेतु गोदामों की क्षमता के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे एक सप्ताह में अनुमानित उपार्जित होने वाले गेहूं के भण्डारण की क्या व्यवस्था की जायेगी, इस पर विस्तृत कार्य योजना तैयार करें। जिन जिलों में भण्डारण क्षमता नहीं है, उनको वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिये कहा गया है।
संभागायुक्त ने बैठक में वनाधिकार पट्टों की समीक्षा भी की तथा निर्देश दिये कि देवास एवं नीमच जिले में वनवासी अनुसूचित जनजाति को वनाधिकार के पट्टे देने की कार्यवाही में तेजी लाई जाये। उन्होंने उज्जैन संभाग के अन्य जिले जहां वन क्षेत्र कम है, वहां भी पट्टा देने की कार्यवाही करने को कहा है।