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राज्य संग्रहालय में 18 मई को विश्व की प्रमुख धरोहरों की छायाचित्र प्रदर्शनी


 

उज्जैन । अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 18 मई को राज्य संग्रहालय में "विश्व के प्रमुख संग्रहालयों" पर केंद्रित छायाचित्र प्रदर्शनी लगायी जायेगी। पुरातत्व आयुक्त श्री अनुपम राजन ने बताया है कि प्रदर्शनी में विश्व के 19 प्रमुख संग्रहालयों और देश के चुनिंदा 5 संग्रहालयों के ऐतिहासिक तथा पुरातत्वीय महत्व के छायाचित्रों को प्रदर्शित किया जाएगा।

प्रदर्शनी के प्रमुख आकर्षण : मेट्रो पोलेटिन कला संग्रहालय अमेरिका, नेचुरल हिस्ट्री संग्रहालय, वाशिंगटन, राज्य ऐतिहासिक संग्रहालय मास्को (रूस), मानव विज्ञान संग्रहालय, मेक्सिको सिटी, पैरो संग्रहालय, इस्ताम्बुल (तुर्की), खिलौना संग्रहालय बार्सीलोना (स्पेन), गगनहीम संग्रहालय बिलवाओ, वेरिकल संग्रहालय रोम, लूव्र संग्रहालय पेरिस (फ्रांस), उफीजी संग्रहालय फ्लोरेन्स इटली, लाहौर संग्रहालय (पाकिस्तान), ऐसे ही ग्रीस (मिस्र),  जापान, जर्मनी, डेनमार्क, चीन, आस्ट्रेलिया और इंग्लैण्ड के संग्रहालय में उपलब्ध बेशकीमती सामग्री और छायाचित्र इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण होंगे।

इस प्रदर्शनी में इसी तरह राष्ट्रीय स्तर के इण्डियन म्यूजियम कोलकाता, प्रिन्स ऑफ वेल्स संग्रहालय मुम्बई, नेशनल म्यूजियम दिल्ली, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय और राज्य संग्रहालय भोपाल के ऐतिहासिक दस्तावेजों और पुरा-सम्पदा को भी छायाचित्र के जरिए देखा जा सकेगा।

राज्य संग्रहालय की विशेषताएँ : राज्य संग्रहालय में वैज्ञानिक, कलात्मक और ऐतिहासिक महत्व की विशिष्ट सामग्रियों का संग्रह कर उनका समुचित रख-रखाव किया जाता है। इनका आम लोगों के लिये प्रलेखों के माध्यम से प्रदर्शन किया जाता है। बताया जाता है कि प्रारंभिक संग्रहालयों की शुरूआत घनाढ्य व्यक्तियों, परिवारों और संस्थाओं द्वारा निजी संग्रह से हुई थी। इसमें कलाकृतियों एवं दुर्लभ प्राकृतिक वस्तुओं का संग्रह हुआ करता था, जो आम लोगों को अवलोकन के लिये सुलभ नहीं हुआ करता था। संसार में सबसे बड़े सार्वजनिक संग्रहालय की स्थापना 18वीं शताब्दी में यूरोप में हुई थी।

आयुक्त श्री राजन ने बताया कि इस तरह की प्रदर्शनी लगाने का मकसद आम जनता, छात्रों और शोधार्थियों को विभिन्न संग्रहालयों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से रू-ब-रू कराना है।

 

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