प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की बैठक सम्पन्न
पंच-परमेश्वर की राशि से पेयजल सम्बन्धी कार्य करवाएं
उज्जैन । शासन द्वारा हर ग्राम पंचायत को पंच-परमेश्वर योजना के अन्तर्गत राशि उपलब्ध कराई गई है, पंचायतें इस राशि का उपयोग पेयजल सम्बन्धी कार्यों, नलकूप खनन, पम्प खरीदना आदि में व्यय करें। सभी क्षेत्रों में पेयजल की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। इसके साथ ही तालाब, कुए, बावड़ी, गहरीकरण के कार्य करवाएं, इसके अन्तर्गत शासन द्वारा 40 प्रतिशत तक मशीनों से कार्य कराए जाने की छूट है। 15 लाख रूपये की राशि नये तालाबों तथा 10 लाख रूपये तक की राशि पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए खर्च किए जाने का प्रावधान है।
प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्रसिंह ने आज जिला योजना समिति की बैठक में ये निर्देश दिए। बैठक दोपहर 12.30 बजे से मेला कार्यालय में प्रारम्भ हुई, जो दोपहर 2.15 बजे तक चली।
जिला योजना समिति की बैठक में उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्रसिंह के अलावा सांसद प्रो.चिन्तामणि मालवीय, विधायकों में सर्वश्री मोहन यादव, अनिल फिरोजिया, दिलीपसिंह शेखावत, मुकेश पण्ड्या, बहादुरसिंह चौहान, महापौर श्रीमती मीना जोनवाल, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री किशनसिंह भटोल, यूडीए अध्यक्ष श्री जगदीश अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री महेश परमार, उपाध्यक्ष श्री भरत पोरवाल, नगर निगम अध्यक्ष श्री सोनू गेहलोत सहित सभी जिला योजना समिति के सदस्य तथा अधिकारियों में कलेक्टर श्री मनीष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर, नगर निगम आयुक्त डॉ.विजय कुमार जे., अपर कलेक्टर श्री बसन्त कुर्रे आदि उपस्थित थे।
कोई असंगठित मजदूर योजना के लाभ से न छूटे
बैठक में प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर सुरक्षा योजना का लाभ प्रत्येक असंगठित मजदूर को दिया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी असंगठित मजदूर पंजीकृत होने से न छूटे। योजना अन्तर्गत 1 लाख से 4 लाख रूपये तक अनुग्रह राशि, 16 हजार रूपये प्रसूति सहायता राशि एवं 5 हजार रूपये अन्त्येष्टि सहायता राशि असंगठित मजदूरों को शासन की ओर से दिए जाने का प्रावधान है। बताया गया कि उज्जैन जिले में 1 अप्रैल 2018 से आज तक कुल 4 लाख 70 हजार 744 असंगठित श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है, जिनमें 3 लाख 13 हजार 573 श्रमिकों का सत्यापन भी हो चुका है।
उज्जैन के किसानों को मिली 120 करोड़ की राशि
प्रभारी मंत्री ने बताया कि भावान्तर एवं उपार्जन योजना के अन्तर्गत किसानों को शासन द्वारा लाभ पहुंचाया जा रहा है। उज्जैन जिले में अभी तक लगभग 120 करोड़ रूपये की राशि किसानों को इन योजनाओं के अन्तर्गत वितरित कर दी गई है तथा आगामी समय में लगभग 80 करोड़ की राशि किसानों को दिए जाने की संभावना है। यह राशि शासन द्वारा अपने खजाने से किसानों को दी गई है। आगामी समय में भावान्तर योजना में प्याज, लहसुन तथा समर्थन मूल्य पर चना, सरसों, मसूर तथा गेहूं बेचने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि शासन द्वारा दिलाई जाएगी। आगामी 10 जून को समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने वाले किसानों को 265 रूपये प्रति क्विंटल की राशि तथा चना, मसूर एवं सरसों बेचने वालों को 100 रूपये प्रति क्विंटल की राशि शासन द्वारा अपनी ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया कि गेहूं उपार्जन के अन्तर्गत जिले में 98 प्रतिशत किसानों को उनके बेचे गए गेहूं का भुगतान किया जा चुका है।
सबने कहा 'वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट' लगना चाहिए
बैठक में शिप्रा नदी के शुद्धीकरण का मामला जोरशोर से उठा। सभी ने शिप्रा नदी में गन्दे पानी को मिलने से रोकने के लिए 'वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट' लगाए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने खान डायवर्शन योजना को नाकाफी बताते हुए मांग की कि जिन-जिन स्थानों से शिप्रा नदी में खान नदी अथवा अन्य स्त्रोतों से गन्दा पानी मिल रहा है, वहां-वहां वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से पानी को शुद्ध कर शिप्रा में प्रवाहित किया जाए। किसी भी स्थिति में शिप्रा नदी में गन्दा पानी नहीं मिलना चाहिए। इस पर प्रभारी मंत्री ने आश्वस्त किया कि शिप्रा नदी में स्वच्छ जल सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि महिदपुर क्षेत्र में वर्तमान में जो खान नदी का गन्दा पानी जाता है, उसे भी शुद्ध करके महिदपुर क्षेत्र में भेजा जाएगा।
गत बैठक के निर्णयों पर हुआ प्रभावी अमल
बैठक में प्रारम्भ में योजना समिति की गत बैठक में लिए गए निर्णयों के पालन के विषय में कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया कि सभी विभागों द्वारा निर्णयों पर प्रभावी अमल किया गया है। एक ओर जहां प्रस्तावित सिंचाई क्षेत्र 16 हजार 255 के विरूद्ध 19 हजार 475 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की गई, वहीं अल्पवर्षा की दृष्टि से जिले में गेहूं के रकबे को कम करते हुए चना, सरसों एवं मसूर का रकबा बढ़ाया गया। चने का रकबा 1.20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.68 लाख हेक्टेयर हो गया। वर्तमान में चने की आवक लगभग 35 हजार मै.टन हो गई है।
सभी के सुझावों पर किया जाएगा अमल
बैठक में प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्रसिंह द्वारा सांसद, सभी विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर आदि सभी से एक-एक कर जिले के विषय में सुझाव लिए गए। उन्होंने कहा कि सभी सुझावों पर अमल किया जाएगा। प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जनप्रतिनिधियों के साथ कार्यों के सम्बन्ध में स्थल निरीक्षण कर कार्रवाई करें।
कलेक्टर की कार्य पद्धति की प्रशंसा की
प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कलेक्टर श्री मनीष सिंह की कार्य पद्धति की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस प्रकार उन्होंने इन्दौर जिले को स्वच्छता में देश में प्रथम स्थान पर लाकर खड़ा कर दिया है, उसी प्रकार वे उज्जैन जिले को हर क्षेत्र में अव्वल बनाएंगे।