शिप्रा तीर्थ परिक्रमा 23 एवं 24 मई को, शिप्रा तीर्थ परिक्रमा में 15 हजार श्रद्धालु शामिल होंगे
उज्जैन । आगामी 23 व 24 मई को शिप्रा तीर्थ परिक्रमा आयोजित की जा रही है। इस परिक्रमा में लगभग 15 हजार श्रद्धालु शामिल होंगे। यात्रा का आयोजन मोक्षदायिनी शिप्रा एवं उसके किनारे स्थित तीर्थों के संरक्षण एवं पर्यावरण शुद्धि के लिये जन-जागरण के लिये किया जाता है। परिक्रमा में विद्वतजन, विशेषज्ञ, वैज्ञानिकगण एवं आम समाज सम्मिलित होकर शिप्रा की मूलभूत समस्याओं का अध्ययन कर शिप्रा संरक्षण के लिये वातावरण निर्मित करेंगे। शिप्रा लोक संस्कृति समिति के पदाधिकारी एवं विधायक डॉ.मोहन यादव ने बताया कि प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली शिप्रा तीर्थ परिक्रमा के दौरान पर्यावरणविद एवं वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई परीक्षण रिपोर्ट प्रतिवर्ष राज्य शासन को भेजी जाती है।
शिप्रा तीर्थ परिक्रमा मार्ग
प्रथम दिवस 23 मई- यात्रा प्रात: 8 बजे रामघाट से प्रारम्भ होगी, जो रामघाट से नृसिंह घाट, आनन्देश्वर मन्दिर, जगदीश मन्दिर, गऊघाट, जन्तर-मन्तर, वरूणेश्वर महादेव से इन्दौर रोड, सीएचएल अस्पताल, प्रशान्तिधाम, सांई मन्दिर, गुरूकुल त्रिवेणी दोपहर 12 बजे पहुंचेगी। गुरूकुल विद्यालय पर भोजन एवं विश्राम हेतु पड़ाव रहेगा। इसके बाद दोपहर 3 बजे गुरूकुल त्रिवेणी से प्रस्थान कर नवग्रह शनि मन्दिर, गोठड़ा, सिकन्दरी, दाऊदखेड़ी, चांदमुख, चिन्तामण, मांगरोला फंटा, लाल पुल, भूखी माता होते हुए गुरूनानकदेव से दत्त अखाड़ा पहुंचेगी एवं रात्रि विश्राम करेगी।
द्वितीय दिवस 24 मई- शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा प्रात: 7.30 बजे दत्त अखाड़ा से रणजीत हनुमान, कालभैरव, भैरवगढ़, सिद्धनाथ, अंगारेश्वर, कमेड़, मंगलनाथ, सान्दीपनि आश्रम, राम मन्दिर से होकर गढ़कालिका दोपहर 1 बजे पहुंचेगी। यहां पर विश्राम कर भोजन उपरान्त अपराह्न 3 बजे भर्तृहरी गुफा, ऋणमुक्तेश्वर, वाल्मिकी धाम, दुर्गादास की छत्री, चक्रतीर्थ, दानीगेट, ढाबा रोड, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, महाकाल मन्दिर, बड़े गणेश, सिद्ध शक्तिपीठ हरसिद्धि होते हुए रामघाट पहुंचेगी। 24 मई को शाम 6.30 बजे शिप्रा गंगा पूजन, चुनरी अर्पण के पश्चात भजन सन्ध्या का कार्यक्रम आयोजित होगा।