शिप्रा नदी के संरक्षण हेतु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संगोष्ठी आयोजित की गई
उज्जैन । मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि विगत शनिवार 12 मई को शिप्रा नदी के संरक्षण हेतु रामघाट पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संगोष्ठी आयोजित की गई। गौरतलब है कि नदी में व्याप्त प्रदूषण की समस्या पूजन सामग्री एवं घाट पर किये जाने वाले कर्मकाण्ड सम्बन्धी सामग्री नदी में प्रवाहित करने से बढ़ रही है। शिप्रा नदी के जल की गुणवत्ता बनाये रखने और नदी में प्रदूषित नाले मिलने से रोकने के लिये उक्त संगोष्ठी का आयोजन प्रमुख सचिव पर्यावरण श्री अनुपम राजन एवं सदस्य सचिव मप्र नियंत्रण बोर्ड भोपाल श्री एए मिश्रा द्वारा क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान दिये गये निर्देशों के परिपालन में किया गया।
संगोष्ठी में जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर श्री शैलेषानन्दगिरी, श्रीक्षेत्र पण्डा समिति के अध्यक्ष, महन्त श्री गुप्तगिरी, श्री राघव पंडित, श्री पुरूषोत्तम दुबे, नगर निगम के अधीक्षण यंत्री श्री जैन, कार्यपालन यंत्री श्री वर्मा और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। संगोष्ठी में क्षेत्रीय अधिकारी श्री पीके त्रिवेदी द्वारा बताया गया कि नदी में फूल एवं पूजन सामग्री तथा पॉलीथीन डालकर बहाने से रोकना चाहिये, क्योंकि नदी के पवित्र जल से रामघाट स्थित अनेक मन्दिरों एवं महाकालेश्वर मन्दिर में भी भगवान का अभिषेक किया जाता है। पूजन सामग्री एवं घाटों के पास साबुन से कपड़े धोने को रोकना चाहिये। इसके लिये आमजन में जागरूकता लाने की जरूरत है। नगर पालिक निगम से शिप्रा नदी में मिलने वाले गन्दे नालों के नियमित निगरानी रख पूर्णत: दूषित जल सदावल स्थित एसटीपी में उपचार करने और घाटों की नियमित साफ-सफाई करवाने की अपील की गई।
संगोष्ठी में कहा गया कि उज्जैन पवित्र नगरी है, इसलिये इसमें पॉलीथीन कैरीबैग का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित किया जाना चाहिये। महामण्डलेश्वर श्री शैलेषानन्दगिरीजी द्वारा नदी के आसपास सघन वृक्षारोपण किये जाने पर जोर दिया गया। अधीक्षण यंत्री नगर पालिक निगम श्री एचके जैन द्वारा रामघाट पर कर्मकाण्ड करने वाले पण्डों से निर्धारित स्थान पर निर्माल्य एवं अन्य पूजन सामग्री विसर्जन करवाने का आव्हान किया गया तथा नदी में प्रदूषित जल को मिलने से रोकने के लिये नगर निगम की विभिन्न क्रियान्वित एवं नवीन प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी दी गई। प्रतिबंधित पॉलीथीन केरीबैग विक्रेताओं के विरूद्ध जल्दी ही कड़ाई से जब्ती एवं जुर्माने की कड़ी कार्यवाही आगामी दिनों में विशेष अभियान चलाकर करने का आश्वासन दिया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे। शिप्रा नदी के संरक्षण के लिये सभी को संकल्प दिलवाया गया। पॉलीथीनमुक्त करने के उद्देश्य से पेम्पलेट वितरित किये गये। नागरिकों से अनुरोध किया गया कि इस दिशा में विशेष प्रयास करें तथा नदी के संरक्षण के साथ-साथ शहर के पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान दें। इस दौरान मुख्य रसायनज्ञ डॉ.एसके श्रृंगी, डॉ.डीवीएस जाटव, डॉ.ललिता शर्मा, प्रतिम खरे, डॉ.दीपक काले, श्री आरडी वैद्य, श्री टीके मालवीय, श्री मनोज सांगले, श्री भेरूलाल चन्दे, श्री जयन्तराव, श्री नीलेश निगम एवं बोर्ड के अन्य कर्मचारी मौजूद थे।