top header advertisement
Home - उज्जैन << रक्त देकर जीवन बचाने वाले 51 युवा गुरूनानक अवार्ड से सम्मानित

रक्त देकर जीवन बचाने वाले 51 युवा गुरूनानक अवार्ड से सम्मानित



उज्जैन। सर सैयद वेलफेयर सोसायटी द्वारा रक्तदान को बढत्रावा देने के उद्देश्य से गुरूनानकजी रक्तदान प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ नोशाबा हादी हॉल अमरपुरा पर किया। कार्यक्रम में रक्तदान करने वाले 51 युवाओं को गुरूनानक रक्तदान अवार्ड से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि म.प्र. हज कमेटी मेम्बर हाजी इकबाल हुसैन ने गुरूनानक के नाम से सोसायटी द्वारा रक्तदान को प्रोत्साहन देने के लिए गुरूनानक रक्तदान प्रोत्साहन योजना को सराहनीय पहल बताया। अध्यक्षता समाजसेवी मो. इकबाल उस्मानी ने की। संयुक्त सचिव चेतन ठक्कर के अनुसार सम्मानित होने वाले युवाओं में संजय भावसार, धर्मेन्द्र राठौर, गुलरेज गौरी, जफर बेग, मोहसिन अली, आबिद खान, अनुदीप गंगवार, इब्राहीम नागौरी, आबिद लाला, गाजी लाला, रईस अहमद, इरशाद अली, आजम खान आदि शामिल हैं। अतिथि के रूप में शिक्षाविद् नदीम इकबाल, समाजसेवी राजू कुरैशी, डॉ. मुजफ्फर नागौरी, पार्षद रहीम लाला, पार्षद मुजफ्फर हुसैन, पूर्व एल्डरमेन रजा अली सिद्दीकी, पंकज जायसवाल आदित उपस्थित थे। संचालन राजेश अग्रवाल ने किया एवं आभार हाजी फजल बेग ने माना। इस अवसर पर यशवंत उपाध्याय, परमिंदर साहनी, हाजी इस्माईल खान, समीर खान, भरत पंवार, संजय जोगी आदि उपस्थित थे। 
अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी मो. इकबाल उस्मानी ने कहा कि गुरूनानक अपने समय के महान समाज सुधारक व चिंतक थे जो सच्चाई के काम में ही झुकते थे। गुरूनानक ने धर्म, आत्मा और परमात्माओं के संबंध को समझ लिया था। धर्म के नाम पर हर तरह के अंधविश्वासों और आडंबरों के विरोधी थे। हिंदू और मुसलमानों में जो भी कमी थी उसको बगैर किसी डर और खौफ के चिन्हित किया। एक ईश्वरवाद को मानने वाले गुरूनानक ने अफगानिस्तान, इराक और अरब देशों की यात्राएं की। आप 30 वर्ष की आयु में मानवता को सत्य मार्ग का उपदेश देने के लिए निकल गए। गुरूनानक के निकट हिंदू मुसलमान में कोई अंतर नहीं था। वह मानव को प्रेम की नजर से देखते थे। गुरूनानक के परोपकारी जीवन से प्रभावित होकर बादशाह बाबर भी उनके दर्शन के लिए आया था। नानकजी ने लोगों को समझाया कि ईश्वर एक है और उसी की और लौटकर जाना है। सबके साथ सेवा, ने की और अच्छा व्यवहार करना ईश्वर की आराधना करना सभी धर्मों का सार है। 

Leave a reply