उज्जैन संभाग के 1170 किमी हाईवे उत्कृष्ट श्रेणी के वर्ष 2005 के बाद मप्र सड़क विकास निगम ने 1570 किमी लम्बी सड़कें निर्मित कीं
उज्जैन। उज्जैन संभाग के 7 जिलों में कभी सड़कें टूटी-फूटी हुआ करती थी। सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क, किसी को कुछ पता नहीं रहता था। ज्यादा लम्बी दूरी की बात न की जाये तो ही ठीक है, किन्तु यदि 10 से 15 किलो मीटर भी किसी को जाना होता था, तो डेढ़ से दो घंटा समय लगता था। वाहन की टूट-फूट होती थी, सो अलग। वर्ष 2002 की बात है, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री उज्जैन संभागीय मुख्यालय पर जिला योजना समिति की बैठक लेने आये तो उज्जैन-बड़नगर रोड को लेकर तत्कालीन विधायक ने तंज करते हुए कहा कि यदि सड़क नहीं बना सकते हैं तो नहर ही बना दें, नाव से ही आना-जाना कर लेंगे।
सरकार चली गई, लेकिन सड़क नहीं बनी। आज जब हम 2018 की बात करते हैं तो उज्जैन संभाग में 30 बड़ी सड़कें ऐसी हैं, जिनका निर्माण उच्चस्तरीय किया गया है। संभाग में कुल 1570 किलो मीटर लम्बी डामरीकृत सड़कों का जाल बिछ चुका है और इसमें से 1170 किलो मीटर तो उत्कृष्ट श्रेणी की सड़कें हैं। 338 किलो मीटर बहुत अच्छी और 62 किलो मीटर को औसत सड़क कहा जा सकता है। संभाग में कई ऐसी सड़कें हैं, जिनसे गुजरने पर यात्रियों के पेट का पानी भी नहीं हिलता। सड़कों के मामले में हुए इस चहुंमुखी विकास से आज संभागीय मुख्यालय उज्जैन से नीमच, रतलाम, शाजापुर, देवास, मंदसौर सुगमता से और कम समय में पहुंचा जा सकता है।
मप्र सड़क विकास निगम से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बीओटी, एडीबी आदि की सहायता से बनी हुई सड़कों से आज उज्जैन संभागीय मुख्यालय की कनेक्टिविटी न केवल संभाग के विभिन्न जिलों से, बल्कि राजधानी व आसपास के जिलों से बहुत अच्छी हो गई है। सड़कों के निर्माण का कार्य वर्ष 2005 से शुरू हुआ जो आज तक अनवरत जारी है। 2005 में बनी हुई सड़कों का मेंटेनेंस भी किया जा रहा है और नई सड़कों का निर्माण कार्य भी स्वीकृत हो रहा है। वर्तमान में देवास, उज्जैन, बड़नगर, बदनावर मार्ग, जिसकी लम्बाई 95.25 किलो मीटर है, को फोरलेन में तब्दील करने के लिये नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में मौजूद देवास-बदनावर टूलेन सड़क, जिसकी लम्बाई 95.2 किलो मीटर है और इसका निर्माण 2005 में हुआ है, भी अत्यन्त ही उत्कृष्ट सड़कों की श्रेणी में गिनी जा सकती है। इसी तरह मंदसौर-सीतामऊ मार्ग, जिसकी लम्बाई 44 किलो मीटर है, की श्रेणी भी उत्कृष्ट है। जावरा-नयागांव बीओटी फोरलेन मार्ग की लम्बाई 127 किलो मीटर है। यह भी उत्कृष्ट सड़कों की श्रेणी में शामिल है। उत्कृष्ट श्रेणी की अन्य सड़कों में मंदसौर-प्रतापगढ़ मार्ग 11.52 किमी, सीतामऊ-सुवासरा मार्ग लम्बाई 34.97 किमी, रतलाम-सैलाना-बांसवाड़ा मार्ग लम्बाई 43.58 किमी, उज्जैन सिंहस्थ बायपास लम्बाई 14.29 किमी, देव गुराड़िया-अरंडिया (मंदसौर) लम्बाई 34.96 किमी, सलसलाई-बोलाना-गुलाना (शाजापुर) लम्बाई 19.39 किमी, पिपल्या-मनासा मार्ग लम्बाई 40.19 किमी, सोयत-पिड़ावा मार्ग लम्बाई 6.23 किमी, जावरा-पिपलौदा-जालंधरखेड़ा-सैलाना मार्ग लम्बाई 42.27 किमी, नीमच-जावद-नयागांव मार्ग लम्बाई 21 किमी, नागदा-गोगापुर मार्ग लम्बाई 14.98 किमी, बड़नगर-सुन्दराबाद-उन्हेल मार्ग लम्बाई 95.1 किमी, शुजालपुर-अकोदिया मार्ग लम्बाई 38.46 किमी, नीमच-मनासा मार्ग लम्बाई 29.06 किमी, उज्जैन-मक्सी मार्ग लम्बाई 36.49 किमी शामिल है। आगर-ताल-बड़ोद सड़क की लम्बाई 108.7 किमी है, में से 84 किमी लम्बी सड़क उत्कृष्ट श्रेणी की है एवं 24.7 किमी सड़क बहुत अच्छी स्थिति में कही जा सकती है। इस तरह मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किया गया सड़कों का विकास निश्चित रूप से क्षेत्र के लोगों को उनके जीवन में गतिशीलता लेकर आया है।