सांध्य आरती पूजा के लिए मिलने वाली राशि का वितरण रोटेशन पध्दति से हो
उज्जैन। नगर के प्राचीन मंदिरों की अपनी-अपनी परंपरा पध्दति प्राचीन समय से चली आ रही है। एक समय था जब इन मंदिरों में आय के स्त्रोत न के बराबर थे, तब भी परंपरागत पुजारी वंशानुसार मंदिर की पूजन, आरती, देखरेख आदि करते हुए मंदिर धरोहर को सुरक्षित रखा है। जैसे-जैसे मंदिरों में आय के स्त्रोत विकसित हुए तथा मंदिरों का सरकारीकरण होने से कतिपय लोग अनाधिकृत मांगकर पुजारी बनने का प्रयास करने लगे तथा वंशपरंपरागत पुजारियों को बेरोजगार कर उनकी रोजी रोटी छिनने की कुचेष्टा आरंभ हुई।
यह स्पष्ट करते हुए अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने मंगलनाथ मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष एवं घट्टिया के एसडीएम को पत्र लिखकर मांग की है कि जिस प्रकार अधिकृत एवं अनाधिकृत पुजारियों का गर्भगृह में बैठने का रोटेशन बनाया है उसमें मुख्य तौर पर पूजा आरती संध्याकाल 4 बजे होती है तथा इस आरती में होने वाला खर्च जो तहसील से प्राप्त होता है उसका रोटेशन नहीं बनाया गया है जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न होगी। सांध्य आरती पूजा एवं राशि जो तहसील से प्राप्त होती है उसका रोटेशन शीघ्र बनाया जावें जिसका लाभ सभी पुजारियों को मिल सकें।