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असंगठित कर्मकारों के चिन्हांकन के पश्चात उनके सत्यापन एवं पंजीयन के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी


 

    उज्जैन। असंगठित कर्मकारों के पंजीयन का कार्य प्रदेश में 1 अप्रैल से आरम्भ होकर 25 अप्रैल तक किया गया। राज्य शासन के श्रम विभाग द्वारा असंगठित कर्मकारों के चिन्हांकन के पश्चात उनके सत्यापन एवं पंजीयन के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। निर्देशों में कहा गया है कि प्रत्येक आवेदन-पत्र को स्कैन करके उसकी साफ्टकापी तैयार की जाये और ऐसी साफ्टकापी को श्रमिक सेवा पोर्टल पर अपलोड किया जाये। चिन्हांकित किये गये असंगठित कर्मकार के आवेदन-पत्रों की हार्डकापी को व्यवस्थित रूप से पंचायत/वार्डवार प्रत्येक जनपद/नगरीय निकाय में संधारित की जाये।

    चिन्हांकित किये गये असंगठित कर्मकार से निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्राप्त कर उस पर आवेदक तथा अनुशंसाकर्ता अधिकारी के हस्ताक्षर एवं अन्य विवरण स्पष्ट अंकित होना चाहिये। असत्य जानकारी पाये जाने पर उसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व आवेदक का होगा। सत्यापन एवं पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सम्बन्धित असंगठित कर्मकार जिस हितलाभ के लिये पात्र होंगे, उसे निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा। हितलाभ स्वीकृत करते समय असंगठित कर्मकार की पात्रता या आवेदन में दी गई जानकारी की सत्यता के सम्बन्ध में सक्षम प्राधिकारी के द्वारा पुन: कोई जांच नहीं की जायेगी। सक्षम प्राधिकारी यह देख लें कि आवेदक के द्वारा पंजीयन के समय दी गई जानकारी के सम्बन्ध में www.shramiksewa.mp.gov.in पर कोई शिकायत तो दर्ज नहीं है। ऐसा हो तो हितलाभ स्वीकृत करने के पहले शिकायत की जांच अनिवार्य रूप से पूर्ण कर ली जाये। हितलाभ प्राप्त करने के पश्चात किसी पंजीकृत कर्मकार के विरूद्ध असत्य जानकारी की शिकायत प्राप्त होती है तो शिकायत की जांच की जायेगी।

 

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