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संभागायुक्त श्री ओझा ने उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ प्लांट का किया निरीक्षण


दुग्ध संघ के साँची उत्पादों का विक्रय बढ़ायें

    उज्जैन। संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने आज मंगलवार 8 मई को प्रात: मक्सी रोड स्थित उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित प्लांट का निरीक्षण किया। उन्होंने इस अवसर पर प्लांट के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एसके श्रीवास्तव एवं प्लांट के अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि दुग्ध संघ के साँची ब्राण्ड उत्पादों का विक्रय बढ़ायें और प्लांट को दिनोंदिन उन्नति की ओर ले जायें। संभागायुक्त ने निर्देश दिये कि सांची के उत्पाद के विक्रय के लिये मार्केटिंग को ज्यादा फोकस करें, ताकि अधिक से अधिक उत्पादों की बिक्री हो सके।

    संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने सर्वप्रथम दुग्ध संघ के प्लांट में दुग्ध संयंत्र संसाधन शाखा, सांची मिल्क मशीन, पॉश्चुरीकृत पॉलीपैक दूध, घी की प्रोसेस यूनिट, पार्लर प्रोडक्ट्स रूम, श्रीखंड, पनीर, सुगन्धित मीठा दूध, स्टरलाईज्ड सुगन्धित मीठा दूध, नमकीन मट्ठा, सादा दही, सादा, मट्ठा, श्रीखंड, पनीर, मावा, पेड़ा, मिल्ककेक, लस्सी एवं छेना की प्रोसेस यूनिटों का निरीक्षण किया। प्लांट के निरीक्षण के दौरान उन्होंने दूध के विभिन्न प्रकार के उत्पादों की प्रशंसा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि और कड़ी मेहनत कर दुग्ध संघ के प्लांट का विस्तार किया जाये। निरीक्षण के दौरान प्लांट ऑपरेशन के जनरल मैनेजर श्री अनूप कुमार ने संभागायुक्त को प्लांट में बनाये जा रहे दुग्ध उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। निरीक्षण के दौरान संयुक्त आयुक्त श्री प्रतीक सोनवलकर सहित दुग्ध संघ प्लांट के अधिकारी मौजूद थे।

    उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एसके श्रीवास्तव ने संभागायुक्त को अवगत कराया कि यह संस्था 5 जुलाई 1976 से अमूल पद्धति पर कार्यरत सहकारी क्षेत्र की एक आईएसओ प्रमाणित संस्था है। इस प्लांट के कार्यक्षेत्र उज्जैन जिले के अलावा उज्जैन संभाग के रतलाम, मंदसौर, नीमच, शाजापुर (कालापीपल एवं शुजालपुर तहसील को छोड़कर), आगर-मालवा, इन्दौर संभाग के धार जिले की बदनावर तहसील तथा उज्जैन संभाग के देवास जिले का आंशिक क्षेत्र आते हैं। प्लांट के अन्तर्गत 1186 समितियां कार्यरत हैं और 261 दूध संकलन के केन्द्र तथा 51709 दुग्ध उत्पादक सदस्य हैं। उज्जैन दुग्ध संघ प्लांट से 62 शहरों, 612 कस्बों में विक्रय केन्द्र सहित राजस्थान में दुग्ध उत्पाद का विक्रय किया जाता है। सांची के 128 पार्लर, 21 शासकीय संस्थाएं कार्यरत हैं।

    सीईओ श्री श्रीवास्तव ने संभागायुक्त को बताया कि उज्जैन दुग्ध संघ संयंत्र में 335 सहकारी समितियां संबद्ध हैं। उज्जैन, नागदा, घट्टिया, तराना, खाचरौद, महिदपुर, मक्सी, कायथा, इंगोरिया, चिकली, खारवाकला, कोटा शहर से विपणन के लिये संबद्ध है। उज्जैन संभाग के मंदसौर दुग्ध संयंत्र में 254 सहकारी समितियां संबद्ध हैं। इस संयंत्र में पॉश्चुरीकृत दूध, नमकीन छाछ, श्रीखंड एवं लस्सी का उत्पाद होता है। इस संयंत्र से मंदसौर, नीमच, मनासा, पिपल्या मंडी, जावद, सुवासरा, शामगढ़, सीतामऊ, डग, चौमेला, लदुना, जावद, मल्हारगढ़, मोरवन, धमनार आदि शहर विपणन से संबद्ध हैं। इसी प्रकार रतलाम दुग्ध संघ संयंत्र में 197 सहकारी समितियां संबद्ध हैं। इस संयंत्र से 22 शहर विपणन से संबद्ध हैं। दुग्ध शीत केन्द्र शाजापुर से 127 सहकारी समितियां संबद्ध हैं। इस केन्द्र से शाजापुर, सारंगपुर, पचोर शहर विपणन से संबद्ध हैं। शीत केन्द्र आगर में 157 सहकारी समितियां संबद्ध हैं। इस केन्द्र से 10 शहर विपणन से संबद्ध हैं। दुग्ध शीत केन्द्र शामगढ़ में 20 हजार लीटर दूध की क्षमता है और इस केन्द्र में 141 सहकारी समितियां संबद्ध हैं। दुग्ध शीत केन्द्र आलोट में 10 हजार लीटर दूध की क्षमता है एवं 94 सहकारी समितियां संबद्ध हैं। दुग्ध शीत केन्द्र मनासा में 20 हजार लीटर की क्षमता के साथ 143 सहकारी समितियां संबद्ध हैं।

 

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