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कृषि उपज मंडी के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने दिये निर्देश


किसानों की फसल परखने में मानवीय दृष्टिकोण रखें 

उज्जैन | सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना, सरसों एवं मसूर की खरीदी उपार्जन केन्द्रों पर की जा रही है। उपार्जन केन्द्रों पर अपनी फसल बेचने के लिये किसान बड़ी मेहनत से आता है। ऐसे में उपार्जन कार्य में लगे हुए सभी शासकीय अमले का यह दायित्व होता है कि वह किसान को पूरा सहयोग करे। किसान की उपज की गुणवत्ता की परख (एफएक्यू और नॉनएफएक्यू निर्धारण) करने में सम्बन्धित अधिकारी मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उपज एकदम खराब होने पर ही उसे नॉनएफएक्यू घोषित करें। हर हालत में मध्य प्रदेश शासन की मंशा किसान को सहयोग करने की है, असहयोग नहीं। इस बात का सम्बन्धित अधिकारी-कर्मचारी पूरा ध्यान रखें।
    कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने आज शुक्रवार को चिमनगंज कृषि उपज मंडी में चल रहे उपार्जन कार्य के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान ये निर्देश दिये। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री बीबीएस तोमर, मंडी सचिव श्री राजेश गोयल, मंडी उपाध्यक्ष श्री शेरू पटेल आदि उपस्थित थे।
किसानों की मांग पर मंडी में अनाज तौलने के लिये तौलकांटे बढ़ाये जायेंगे
   कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने चिमनगंज स्थित कृषि उपज मंडी के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान मंडी में उपार्जन कार्य का निरीक्षण कर किसानों से चर्चा की। किसानों ने मांग की कि चने की तुलाई में कम तौलकांटे होने से परेशानी आ रही है, अत: अतिरिक्त कर्मचारियों तथा भीड़ को देखते हुए पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाये। कलेक्टर ने किसानों को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही जिंस तौलने के लिये बड़े तौलकांटे, अतिरिक्त कर्मचारियों एवं पुलिस कर्मियों को लगाया जायेगा। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने किसानों को भरोसा दिलाया कि वे धैर्य रखें। पंजीकृत किसानों का अनाज अनिवार्य रूप से मंडी में लिया जायेगा।
समय पर एसएमएस करें

   कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रतिदिन पंजीकृत किसानों को मैसेज अनिवार्य रूप से करें और मंडी में आने वाले जिंस की तुलवाई समय पर की जाये। तुलवाई के समय किसी भी प्रकार की अफरा-तफरी न हो। किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उनकी समस्या का निराकरण करें। उन्होंने निर्देश दिये कि उपार्जन केन्द्र पर एक व्यक्ति को बैठाया जाये जो किसानों की समस्या दर्ज करे तथा उसके अनुसार समस्या का त्वरित निराकरण किया जायेगा। जिन किसानों ने एसएमएस नहीं मिलने की शिकायत की है, उनकी शिकायत तुरन्त दर्ज कर वेरिफिकेशन कराकर पुन: एसएमएस करें।
   कलेक्टर ने मंडी में चना, मसूर, सरसों की तुलवाई का निरीक्षण किया, वहीं पंजीयन काउंटर पर कार्य की कम्प्यूटर ऑपरेटर से जानकारी प्राप्त की। नाफेड के सर्वेयर से जिंस की जांच के बारे में जानकारी ली और सर्वेयर को निर्देश दिये कि संवेदनशीलता के साथ किसानों की जिंस की गुणवत्ता पर टिप्पणी करें, क्योंकि किसान बड़ी मेहनत कर अपनी जिंस मंडी में लाता है। उल्लेखनीय है कि सर्वेयर किसानों की जिंस में मॉइश्चर, अदर वैरायटी, डेमेज, डंक लगा हुआ तथा कचरा-मिट्टीयुक्त जिंस आदि की गुणवत्ता की जांच करता है।
निर्धारित मात्रा में ही उपज लायें
   कलेक्टर ने किसानों से कहा कि पंजीयन के दौरान जितनी जिंस की मात्रा दर्ज करवाई है उतना ही माल मंडी में लाया जाये, ताकि असुविधा से बचा जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बैकलॉग को पहले निपटाया जाये। किसानों ने कलेक्टर को बताया कि उन्हें अपनी उपज बेचने में काफी समय लग रहा है। इस पर कलेक्टर द्वारा आश्वस्त किया गया कि शीघ्र ही समर्थन मूल्य खरीदी के कार्य में वांछित गति आ जायेगी। उन्होंने मंडी अधिकारियों को इस सम्बन्ध में निर्देश दिये।
आपका काम भी अच्छा है और टीम भी अच्छी है
   कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने मंडी के निरीक्षण के उपरान्त मंडी कार्यालय का निरीक्षण कर अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने उज्जैन मंडी के कार्य को संतोषजनक बताते हुए मंडी सचिव श्री राजेश गोयल की पीठ थपथपाते हुए कहा कि आपका काम भी अच्छा है और टीम भी अच्छी है। हमें उज्जैन मंडी को प्रदेश की सर्वोत्कृष्ट मंडी बनाना है। उन्होंने कहा कि यद्यपि मंडी में अच्छी साफ-सफाई है, फिर भी कुछ दिनों में इसे चकाचक कर देना है। व्यापार प्रतिनिधि श्री मुकेश हरभजनका ने कलेक्टर को अवगत कराया कि मंडी को और साफ बनाया जाये। इस पर कलेक्टर ने तुरन्त नगर निगम आयुक्त से दूरभाष पर चर्चा कर कहा कि मंडी एवं नगर निगम का सफाई के लिये शीघ्र एग्रीमेंट किया जाये, ताकि एग्रीमेंट अनुसार मंडी की सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा सके।
   कलेक्टर ने मंडी कार्यालय की विभिन्न शाखाओं की अनुज्ञा शाखा, कम्प्यूटर शाखा, लेबोरेटरी आदि का निरीक्षण कर सम्बन्धितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। मंडी सचिव ने अवगत कराया कि कृषक समृद्धि प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत किसानों को लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं राष्ट्रीय कृषि बाजार से चयनित कृषि उत्पादों की ग्रेडिंग के राष्ट्रीय पैरामीटर पर किसानों की जिंसों को लिया जा रहा है। कलेक्टर ने कहा कि मंडी में अच्छा काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाये।             

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