पुरुषोत्तम माह में गायत्री शक्तिपीठ पर लगेंगे आवासीय शिविर
कन्या कौशल, संजीवनी साधना, छात्र संस्कार शिविर के माध्यम से होगा गुणात्मक परिवर्तन
उज्जैन। जन जागृति केंद्र गायत्री शक्तिपीठ अंकपात द्वार पर आगामी पुरुषोत्तम माह में तीन आवासीय शिविर लगाए जा रहे हैं। जिसमें कन्या कौशल शिविर, संजीवनी साधना शिविर, छात्र संस्कार शिविर आयोजित किये जाएंगे।
प्रथम पाँच दिवसीय कन्या कौशल शिविर 24 से 28 मई को लगेगा जिसमें कन्याओं की आंतरिक शक्तियों को जागृत कर, उन्हें गृहस्थ प्रबंधन और रचनात्मक कार्यों में नियोजित करने की कला सिखाई जाएगी। जिससे आज की कन्या अपने भावी संसार में सुख-शांति, आनंद-प्रेम एवं युग निर्माण की स्रोत बनकर ‘21 वीं सदी नारी सदी’ के महाकाल के आवाहन को चरितार्थ कर सके। इसमें 15 से 25 वर्ष की अविवाहित कन्याओं को भागीदारी करने के लिए आमंत्रण है।
दूसरा 9 दिवसीय संजीवनी साधना शिविर 30 मई से 8 जून तक तक होगा। 9 दिन का यह जीवन साधना शिविर है। इसमें गायत्री लघु अनुष्ठान के साथ जीवन विद्या के महत्वपूर्ण सूत्र दिए जाएंगे। जिसके बाद साधक अपने जीवन के नकारात्मक सोच को बदल कर सकारात्मक सोच से सराबोर हो जाता है। एक तरह से नया जीवन महसूस करेगा इस प्रकार इसे संजीवनी शिविर कहा जाता है। तीसरा पाँच दिवसीय छात्र संस्कार शिविर 10 से 14 जून तक होगा। त्रैतरीय उपनिषद के मंत्र ‘युवास्यात साधु युवाध्यायकरू।
आशिष्टो दृढ़िष्टो बलिष्ठ रू।।’ के अनुसार छात्रों का इस शिविर में युवा बन जाओ, सज्जन युवा बनो। अध्ययनशील होओ, शिष्ट दृढ़निश्चयी और बलिष्ठ बनो’ के लिए 15 से 25 वर्ष के छात्रों का अवाहन है। उपक्षोन समन्वयक महाकालेश्वर श्रीवास्तव ने बताया कि तीनों शिविरों में प्रतिभागियों की संख्या करीब 108 होगी, जिसके लिए पंजीयन प्रारंभ हो गया है। शिविरार्थियों के लिए आवास एवं भोजन की निःशुल्क व्यवस्था गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन पर रहेगी। अपने नित्य उपयोगी सामान ओढ़ने बिछाने के लिए दो चादर पेन कापी अपने साथ लाना होगा।
कन्याओं और छात्रों के शिविर के लिए कोई वेशभूषा निर्धारित नहीं है। सभी शालीन वस्त्रों में शिविर में उपस्थित रहेंगे। संजीवनी साधना शिविर के लिए भारतीय परिधान और पीला मंत्र दुपट्टा अनिवार्य है। श्रीवास्तव ने अभिभावकों से अनुरोध किया कि अपने बच्चों को शिविरों में जरूर भागीदारी कराएं पांच दिन में ही आप उनमें गुणात्मक परिवर्तन देखेंगे। साथ ही पुरुषोत्तम माह साधना शिविर में भागीदारी करने के सुअवसर का लाभ अवश्य उठायें। श्रीवास्तव ने श्रृद्धालुओं से अपील भी की है कि पुरुषोत्तम माह में कन्याओं के भोजन, वस्त्र, साहित्य के लिए दान देकर कन्या भोज का पुण्य लाभ प्राप्त करें।