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स्टेशन मास्टरों ने 1 मई को ‘प्रोटेस्ट डे’ के रूप में मनाया



मांगे पूरी नहीं होने एवं समस्याओं के निराकरण नहीं होने पर बेज एवं काला
फीता लगाकर दी अपनी सेवाएं
उज्जैन। स्टेशन मास्टर्स की विभिन्न लंबित मांगों एवं समस्याओं के
निराकरण हेतु रेलवे प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने हेतु संपूर्ण भारतीय
रेलवे के स्टेशन मास्टर के साथ रतलाम मंडल के अंतर्गत आने वाले स्टेशन
उज्जैन में भी स्टेशन मास्टर 1 मई मजदूर दिवस पर अपनी मांगों का बेज एवं
काला फीता लगाकर अपनी ड्यूटी पर पहुंचे एवं 1 मई को प्रोटेस्ट डे के रूप
में मनाया।
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के रतलाम मंडल सचिव अभिलाष नागर के
अनुसार एसोसिएशन स्टेशन मास्टर हेतु सातवें वेतन आयोग में 5400 ग्रेड पे
(लेवल 9) में क्रमोन्नत वेतनमान, स्ट्रेस अलाउंस स्वीकृत करना, भारतीय
रेलवे से ईआई रोस्टर (12 घंटे का रोस्टर) को समाप्त करना, केन्द्रीय
मुख्यालय बनाना, स्टेशन, डायरेक्टर पदों ग्रुप बी पर केवल स्टेशन मास्टर
संवर्ग से पदोन्नति जैसी लंबित मांगों के निराकरण हेतु रेलवे प्रशासन से
अनुरोध करते आ रहे हैं। लेकिन भारतीय रेलवे का ब्रांड एंबेसेडर माने जाने
वाली यह केटेगरी अपनी मांगों एवं समस्याओं के उचित निराकरण नहीं होने से
रेलवे प्रशासन एवं भारत सरकार के रवैये से उपेक्षित महसूस कर रही थी।
पिछले दिनों ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन (एस्मा) की केन्द्रीय
कार्यकारिणी की नागपुर में हुई बैठक में लिए निर्णय के अनुसार रतलाम मंडल
के अंतर्गत आने वाले स्टेशन पर पदस्थ स्टेशन मास्टरों ने 1 मई मजदूर दिवस
को प्रोटेस्ट डे के रूप में मनाया तथा बेज एवं काला फीता लगाकर सेवाएं दी
एवं रेल संचालन में पूर्ण सहयोग किया।

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