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त्रिवेणी संग्रहालय की दूसरी वर्षगांठ, 4 दिवसीय समारोह मनाया जायेगा


 

    उज्जैन। कला एवं पुरातत्व के संग्रहालय त्रिवेणी संग्रहालय की दूसरी वर्षगांठ बुधवार 2 मई को मनाई जायेगी। इस अवसर पर 2 मई से लेकर 5 मई तक 4 दिवसीय समारोह मनाया जायेगा। बुधवार को वर्षगांठ समारोह का शुभारम्भ शाम 7.30 बजे जयसिंहपुरा स्थित त्रिवेणी संग्रहालय के मुक्ताकाशी मंच से किया जायेगा। इस अवसर पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, विधायक डॉ.मोहन यादव, महापौर श्रीमती मीना जोनवाल और अध्यक्ष नगर पालिक निगम श्री सोनू गेहलोत मौजूद रहेंगे।

    संग्रहालय की निदेशक श्रीमती वन्दना पाण्डेय ने जानकारी दी कि वर्षगांठ समारोह के दौरान प्रत्येक दिन शाम 7.30 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। बुधवार 2 मई को घोष, सुषिर और तारवाद्यों के संवेत व ध्वनि आधारित स्त्रोत एवं मंत्र प्रस्तुति दी जायेगी। इसके पश्चात नईदिल्ली के इंदरसिंह बैस के निर्देशन में नादब्रह्म का मंचन किया जायेगा। मुम्बई की कलाकार झेलम परांजपे एवं उनके साथियों द्वारा ओडिसी समूह नृत्य में दशावतार प्रस्तुत किया जायेगा। नईदिल्ली के कलाकार डॉ.दिव्या शर्मा, देवेन्द्र शर्मा एवं उनके साथियों द्वारा कथक समूह नृत्य में त्रिशक्ति की प्रस्तुति दी जायेगी।

    इसके पश्चात गुरूवार 3 मई को बनारस के सौरभ और गौरव मिश्रा द्वारा कथक नृत्य में शिव आख्यान प्रस्तुत किया जायेगा। भिलाई के कलाकार रत्नेश बाबू और उनके साथियों द्वारा भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी समूह नृत्य में सप्त तांडव प्रस्तुत किया जायेगा। इसके बाद लोक दर्शन के अन्तर्गत मध्य प्रदेश की गौंड जाति का गुदुमबाजा, भारिया जाति का भड़म और कर्नाटक का डोलुकुनिता तथा राजस्थान का सपेरा नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा।

    शुक्रवार 4 मई को बैंगलोर के कलाकार पूर्णिमा अशोक एवं उनके साथियों द्वारा भरतनाट्यम समूह नृत्य में अष्टलक्ष्मी और चामुण्डेश्वरी प्रस्तुत किया जायेगा। नईदिल्ली के कलाकार जयश्री आचार्य एवं उनके साथियों द्वारा कथक समूह नृत्य में शक्ति की प्रस्तुति दी जायेगी। लोक दर्शन में मध्य प्रदेश का गणगौर और नौरता नृत्य तथा गुजरात का गरबा और उत्तराखण्ड का नन्दा राजजात नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा।

    समारोह के अन्तिम दिन शुक्रवार 5 मई को जूनागढ़ के कलाकार हर्षिता वैद्य एवं साथियों द्वारा गुजराती रास गायन किया जायेगा। इसके पश्चात नईदिल्ली के कलाकार भावना रेड्डी एवं साथियों द्वारा कुचिपुड़ी समूह नृत्य में रास एवं कालिया मर्दन प्रस्तुत किया जायेगा। इसके बाद सरईकेला, पुरूलिया और मयूरभंज छाऊ शैली में श्रीकृष्णाय नम: की समन्वित प्रस्तुति नईदिल्ली के कलाकार गुरू शशधर आचार्य द्वारा दी जायेगी। लोक दर्शन में मध्य प्रदेश का बरेदी, गौंड जनजातीय ठाठ्या, गुजरात का डांडिया रास और उत्तराखण्ड का सेममुखेम नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा।

 

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