प्याज को भावान्तर योजना में शामिल किया गया
जब दाम बहुत नीचे हों, तब अपनी प्याज न बेचें किसान
योजना के क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश जारी
उज्जैन। मध्य प्रदेश में प्याज उत्पादन में लगातार वृद्धि होने से किसानों को उनके प्याज का उचित मूल्य दिलाने के लिये वर्ष 2018-19 हेतु प्याज फसल को मुख्यमंत्री भावान्तर योजना में शामिल किया गया है। योजना के क्रियान्वयन के लिये मार्गदर्शी निर्देश जारी किये गये हैं, जो वर्ष 2018-19 के लिये लागू होंगे। इसलिये किसानों से अनुरोध है कि वे अपना उत्पादन जब दाम बहुत नीचे हों, तब न बेचें और उसे प्याज भण्डार गृहों में भण्डारित करें। भावान्तर लाभ के लिये दो अवधियां मान्य होंगी। पहली अवधि आगामी 16 मई से 30 जून तक होगी और दूसरी अवधि आगामी एक अगस्त से 31 अगस्त तक होगी। द्वितीय अवधि में भावान्तर का लाभ प्याज की भण्डारित मात्रा के 75 प्रतिशत तक सीमित रहेगा।
प्याज उत्पादन करने वाले पंजीकृत किसानों के पंजीयन का सत्यापन कार्य क्षेत्र के राजस्व अधिकारियों द्वारा किया जायेगा। पंजीकृत किसानों को पंजीकृत निजी गोदामों अथवा सरकारी उपक्रमों द्वारा नवसृजित गोदामों में प्याज भण्डारण के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा और पूरी जानकारी कम्प्यूटराईज्ड तरीके से ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी। पंजीकृत अथवा शासकीय गोदामों में प्याज भण्डार गृहों का भौतिक सत्यापन उद्यानिकी अथवा मप्र स्टेटवेयर हाउस कॉर्पोरेशन के अमले से आवश्यक रूप से कराई जायेगी।
भावान्तर योजना का लाभ केवल मंडी में हुए संव्यवहारों पर ही मिलेगा। वर्तमान में प्याज विक्रय मंडी अधिनियम के दायरे में शामिल नहीं होने से मंडी प्रांगण में बेचने की बाध्यता नहीं है। इसीलिये केवल प्याज के लिये मंडी अधिनियम के अन्तर्गत अधिसूचना जारी कर भावान्तर हेतु चिन्हित मंडियों में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्र में प्याज का विक्रय मंडी प्रांगण के अन्दर किया जाना बंधनकारी बनाया जायेगा। मंडी बोर्ड द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि प्याज की घोष विक्रय नीलामी चिन्हित मंडियों में नियमित रूप से हो। प्याज नश्वर प्रकृति का होने से और मंडी में बिक्री की अनिवार्यता लम्बे समय बाद पुन: लागू करने से प्याज पर लिया जाने वाला मंडी टैक्स 2 प्रतिशत की जगह 1 प्रतिशत रखा जायेगा।
भावान्तर लाभ के लिये निर्धारित की गई 2 अवधियों में 2 बार पूरे प्रदेश की चिन्हित मंडियों के मॉडल भाव निकाल कर औसत मॉडल भाव का निर्धारण किया जायेगा। इसी प्रकार 2 अन्य राज्यों महाराष्ट्र एवं आन्ध्रप्रदेश के औसत मॉडल भाव उक्त अवधि में निकाले जायेंगे। राज्य द्वारा घोषित समर्थन मूल्य वर्ष 2018-19 के लिये 800 रूपये प्रति क्विंटल होगा।
उल्लेखनीय है कि किसानों द्वारा शासकीय भण्डार गृह में 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक प्याज भण्डारित करने पर उनसे कोई भण्डारण शुल्क नहीं लिया जायेगा। इस अवधि का भण्डारण शुल्क 200 रूपये प्रतिटन प्रतिमाह की दर से राज्य सरकार द्वारा भण्डारण एजेन्सी को सीधे भुगतान किया जायेगा।
योजना का लाभ लेने हेतु शर्तें
भावान्तर भुगतान योजना का लाभ लेने हेतु हितग्राही का मध्य प्रदेश का मूल निवासी होने के साथ योजना के पोर्टल पर वांछित जानकारी के साथ पंजीयन दर्ज होना अनिवार्य है। पंजीकृत किसानों के खाते जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में होने पर प्राथमिकता दी जायेगी। प्याज प्रदेश में ही उत्पादित होना जरूरी है। योजना का लाभ अधिसूचित मंडी परिसर में विक्रय पर ही दिया जायेगा। इसके अलावा योजना का लाभ 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की औसत उत्पादकता के आधार पर उत्पादन की सीमा तक दिया जायेगा। निर्धारित कृषि उपज मंडी के प्रांगण में मंडी समिति के द्वारा उपविधियों के प्रावधान अनुसार विधिवत विक्रय सम्पन्न कराया जायेगा। विक्रय के समय कृषक को पंजीयन की पर्ची और आधार कार्ड की प्रति समिति में उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
विक्रय के समय समिति द्वारा उपस्थित किसानों का फसल के साथ फोटो लिया जायेगा और इसे समिति में सुरक्षित रखा जायेगा। मंडी समिति द्वारा प्रत्येक दिवस प्रांगण में सम्पन्न नीलामी का कार्य पूर्ण हो जाने के उपरान्त प्याज के विक्रय की दैनिक, आवश्यक एवं भाव की जानकारी केन्द्र शासन के एगमार्क नेट पोर्टल पर शाम 6 बजे तक अपलोड की जायेगी। किसान अधिसूचित फसल को किसी भी अधिसूचित मंडी अथवा उप मंडी के प्रांगण में विक्रय करने के लिये स्वतंत्र होंगे।
प्याज भावान्तर योजनान्तर्गत देय राशि की गणना
प्याज भावान्तर योजना के अन्तर्गत देय राशि की गणना इस प्रकार होगी कि यदि किसान द्वारा मंडी समिति परिसर में विक्रय की गई प्याज की विक्रय दर राज्य द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से अधिक या बराबर हुई तो ऐसे किसानों को कोई भावान्तर देय नहीं होगा। यदि किसान द्वारा मंडी समिति परिसर में विक्रय की गई प्याज की विक्रय दर राज्य द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से कम किन्तु राज्य शासन द्वारा घोषित भावान्तर दर से अधिक हुई तो राज्य द्वारा घोषित समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य के अन्तर की राशि निर्धारित उत्पादकता तथा किसान की बोवनी के आधार पर रकबे के उत्पादन की सीमा तक किसान के खाते में अन्तरित की जायेगी।
यदि किसान द्वारा मंडी परिसर में विक्रय की गई प्याज की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित भावान्तर दर से कम होगी तो राज्य द्वारा घोषित समर्थन मूल्य तथा राज्य शासन द्वारा भावान्तर दर के अन्तर की राशि निर्धारित उत्पादकता 1 किसान की भूमि के आधार पर रकबे के उत्पादन सीमा तक किसान के खाते में अन्तरित की जायेगी।