लाखों लोगों में एक या दो को होने वाली दुर्लभ बीमारी का हुआ उज्जैन में इलाज
उज्जैन। लाखों लोगों में से एक या दो को होने वाली भयावह बीमारी का इलाज उज्जैन में ही डॉ. उमेश जेठवानी ने श्री गुरूनानक अस्पताल में कर दिखाया। इसके साथ ही डॉ. जेठवानी ने कैंसर तथा अन्य जटिल ऑपरेशन कर मरीजों का जीवन बचा लिया। ऐसे मरीजों का इलाज अब तक इंदौर, मुंबई, दिल्ली जैसे बड़े शहरों और बड़े कारपोरेट हॉस्पिटल में अधिक खर्च में हो पाता था। अब शहर में गुरू नानक अस्पताल में इस प्रकार के ऑपरेशन की सुविधा बहुत कम खर्च में उपलब्ध है।
संगीता उम्र 30 वर्ष निवासी उज्जैन को पेट दर्द, पेट फूलने और लेट्रिन नहीं होने की समस्या के साथ उज्जैन स्थित एक अन्य अस्पताल में भर्ती किया गया था। कई दिनों तक इलाज के बाद भी मरीज को आराम नहीं मिलने पर उसे इंदौर रैफर कर दिया गया। मरीज के परिजन उसे उज्जैन में ही श्री गुरूनानक अस्पताल में लेकर आए जहां पर जांच में पता चला कि मरीज को सिग्मोल्ड डायवर्टिकुला परफोरेशन नामक बीमारी है जो लाखों लोगों में एक या दो मरीजों को ही होती है। बीमारी के कारण आंत कटने से पेट में जहर फैल गया था और मरीज का ब्लड प्रेशर 60/40 आ रहा था। यह बीमारी लाखों लोगों में एक या दो लोगों को ही होती है। डॉ. उमेश जेठवानी ने तुरंत मरीज का ऑपरेशन कर सड़ी हुई आंतों और पेट में जमा 4 लीटर जहर को निकाला। ऑपरेशन के बाद मरीज को आईसीयू में रखकर 3 बोतल खून चढ़ाया गया। वर्तमान में मरीज की स्थिति सामान्य है।
बालू चौहान उम्र 40 वर्ष पेट दर्द व उल्टी की समस्या से परेशान था। कई जगह इलाज कराने के बाद भी आराम नहीं मिलने पर मरीज के परिजन उसे श्री गुरूनानक अस्पताल में लेकर आए। जहां पर जांच में पता चला कि मरीज का पैंक्रियाज सड़ गया है। जिसके कारण पेट में जहर फैल गया है जिसके लिए डॉक्टर उमेश जेठवानी ने तुरंत मरीज का ऑपरेशन कर पेट से 3 लीटर जहर निकाला। जहर के कारण खून में इंफेक्टशन फैल गया था तथा मरीज की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई थी जिससे मरीज का ब्लड प्रेशर भी नहीं आ रहा था। मरीज को लंबे समय तक आईसीयू में रखकर इलाज किया गया। वर्तमान में मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
मनोरमा जैन उम्र 65 वर्ष काफी समय से स्तन कैंसर से ग्रस्त थीं जिसके कारण मरीज के परिजन उसे फ्रीगंज स्थित श्री गुरूनानक अस्पताल लेकर आए जहां पर डॉ. उमेश जेठवानी ने मरीज का मोडिफाइड रेडिकल मेस्टेक्टॉमी पध्दति से ऑपरेशन कर स्तन निकाला। वर्तमान समय में मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और सामान्य जीवन जी रही है।