पार्षद की आपत्ति के बावजूद शासकीय भूमि पर कट गई विक्रम विहार
ग्राम नगर निवेश के संयुक्त संचालक पर कार्यवाही हेतु ईओडब्लू पहुंचा मामला
उज्जैन। 2 वर्ष पूर्व नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के संयुक्त संचालक को की गई शिकायत के बावजूद भी नानाखेड़ा स्थित विक्रम विहार कॉलोनी सरकारी जमीन पर काट दी गई है। सरकारी जमीन पर इस कॉलोनी का निर्माण ना हो इस हेतु क्षेत्रिय पार्षद वर्ष 2016 व 2017 में जिम्मेदारों को अवगत करवा चुके है। परंतु इसके बावजूद भी सरकारी जमीन पर निर्माण की अनुज्ञा ग्राम नगर निवेश के संयुक्त संचालक द्वारा जारी करने पर एक शिकायत ईओडब्ल्यू में की गई है। जिसमें शासकीय भूमि पर आवासीय अभिन्यास स्वीकृत करने व शासन को आर्थिक हानि पहुंचाए जाने के संबंध में संयुक्त संचालक के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग शिकायतकर्ता ने की है।
मामला कुछ इस प्रकार है कि ग्राम नानाखेड़ा भूमि सर्वे क्रमांक 199/2, 200/1, 201, 207, 208 भाग 209/2 कुल रकबा 0.514 पर स्वीकृत कॉलोनी विक्रम विहार निर्माण हेतु कार्यालय संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक 1747 दिनांक 26/09/2012 स्वीकृत किया गया था। जिस पर क्षेत्रीय पार्षद द्वारा दिनांक 2/8/2016 को लिखित पत्र के माध्यम से उक्त स्वीकृत अभिन्यास के संबंध में आपत्ति दर्ज कराई गई थी। इसके विपरीत नगर तथा ग्राम निवेश उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक 1454 सन 2016 के माध्यम से पुनः उक्त अभिन्यास का रूपांतरण कर विकास अनुज्ञा जारी की गई, जबकि क्षेत्रीय पार्षद द्वारा दिनांक 24/03/2017 को उपरोक्त अभिन्यास के संदर्भ में ग्राम नानाखेड़ा शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 200/2 पर स्वीकृत अभिन्यास के भाग को निरस्त करने के संदर्भ में संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के बावजूद आज दिनांक तक कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि कालोनाइजर द्वारा उक्त कॉलोनी पर खसरा अनुसार भूमि पर भूखंड क्रमांक 55 से 42 तक उत्तर से दक्षिण तक निर्माण किया है, एवं भूखंड क्रमांक 28 से 41 तक निर्माण कर दिया गया है, जो कि पटवारी अक्स अनुसार नपती करने पर भूखंड क्रमांक 28 से 41 तक से स्पष्ट होता है कि भूखंड क्रमांक 41 के आगे की भूमि शासकीय सर्वे क्रमांक 200/2 है। जिस पर वर्तमान में कालोनाइजर द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा स्वीकृत अभिन्यास अनुसार शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 200/2 निर्माण कर दिया गया है। जबकि संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा पूर्व में 200/1 अक्स जो तहसील कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराया गया था उसमें 200/2 अंकित न होने के कारण स्वीकृत कर दिया गया था। शिकायतकर्ता धनेश श्रीवास्तव ने बताया कि क्षेत्रीय पार्षद द्वारा उक्त शासकीय भूमि 200/2 का अक्स उपलब्ध कराने के बावजूद आज दिनांक तक उक्त स्वीकृत अभिन्यास से 200/2 पर जारी अनुमति निरस्त नहीं की गई है। संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा कॉलोनाइजर को अवैधानिक लाभ पहुंचा कर शासन को आर्थिक हानि पहुंचा रहे हैं।उक्त संबंध में ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक को विस्तृत जांच कर दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करने हेतु शिकायत की गई है।