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शिप्रा को प्रवहमान बनाने के लिए डीपीआर तैयार होगी


 

संभाग आयुक्त के समक्ष रूपरेखा प्रस्तुत

उज्जैन  ।शिप्रा नदी को प्रवहमान बनाने के लिए शिप्रा शुद्धिकरण न्यास के संमुख आगामी 21 मई को 328 करोड़ की डीपीआर बनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। न्यास की अनुमति से एजेंसी तय  होगी जो आगे कार्य कराएगी ।जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री द्वारा यह जानकारी आज मंगलवार को बृहस्पति भवन में संभागायुक्त द्वारा आयोजित की गई बैठक में दी गई ।

      संभागायुक्त के उक्त योजना पूरी तैयारी के साथ  शिप्रा शुद्धिकरण न्यास की बैठक में रखने के निर्देश दिए  है ।अधीक्षण यंत्री जल संसाधन ने बैठक में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि शिप्रा नदी के कैचमेंट क्षेत्र में वर्तमान में विद्यमान विभिन्न 128 जल संरचनाओं की मरम्मत एवं उनका पुनर्विकास किया जाएगा । शिप्रा नदी को प्रवहमान बनाने के लिए वर्षभर 600 लाख घनमीटर पानी  का स्टोरेज रखा जाएगा । इसके लिए तीन   जल संरचनाएं   भुण्डवास, सेवरखेड़ी  तथा  उज्जैन के निकट बनाया जाना प्रस्तावित है। स्टोरेज से 2 मीटर प्रति सेकंड पानी लगातार नदी में छोड़ा जाएगा, जिससे शिप्रा नदी प्रवहमान होगी।  साथ ही शिप्रा नदी के आस-पास बसे हुए ग्रामों में सघन वृक्षारोपण करके मृदा का संरक्षण किया जाएगा।

नदी के आस-पास खेती करने वाले कृषकों से आग्रह किया जाएगा कि वे स्प्रिंकलर एवं फव्वारा सिंचाई का उपयोग कर कम पानी वाली फसलों को उगाए ।नदी को प्रवाहमान बनाने के लिए जल संरक्षण की संरचनाओं जिनमें गेबियन ,परकोलेशन टैंक ,ड़ाईक शामिल है बनाए जाएंगे ।शिप्रा नदी के तट के दोनों ओर बसे हुए नगरों एवं बड़े गांवों से निकलने वाले गंदे पानी को शिप्रा में मिलने से रोका जाएगा। देवास के आसपास के उद्योग क्षेत्र से निकलने वाले वेस्ट को ट्रीटमेंट कर नदी में छोड़ा जाए, यह सुनिश्चित किया जाएगा। क्षिप्रा नदी में होने वाली जलकुंभी एवं गाद को निकालकर इसका जैविक खाद बनाया जाएगा। नदी को निरंतर गहरा करते हुए इससे निकलने वाली  मिट्टी को किसानों को खेतों में डालने के लिए दिया जाएगा। नदी में मत्स्याखेट पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, साथ ही नदी में मूर्तियों एवं फूल पत्तियों का विसर्जन भी रोका जाएगा।

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