लोकतंत्र की कामयाबी की सबसे पहली शर्त, समाज में न हो असमानता- टटवाल
अंबेडकर जयंती समारोह का हुआ शुभारंभ-अंबेडकर जयंती पर लाखों दीप प्रज्जवलन के साथ हुए विभिन्न आयोजन
उज्जैन। लोकतंत्र की कामयाबी की सबसे पहली शर्त यह है कि समाज में किसी तरह की असमानता नहीं होनी चाहिये। कोई दलित वर्ग न हो, कोई शोषित वर्ग न हो, इस तरह का वर्ग भेद हिंसक क्रांति को जन्म देता है और लोकतंत्र भी इसका उपचार नहीं कर सकता।
उक्त बात अनुसूचित जाति मोर्चा द्वारा हीरा मिल की चाल स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर भवन में अंबेडकर जयंती कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मोर्चे के प्रदेश महामंत्री मुकेश टटवाल ने बाबा साहेब के विचार प्रकट करते हुए कही। टटवाल ने कहा कि हम सब बंधुत्व भाव से साथ रहते हुए लोकतंत्र मर्यादाओं का पालन करें व शोषित व वंचित वर्ग को शीघ्र से शीघ्र सामान्य रूप से समाज के साथ समरस होने का अवसर प्रदान करें। आपने बाबा साहेब द्वारा महिलाओं, मजदूरों व वंचित वर्ग के लिए किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चे के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य ओमप्रकाश मोहने, कार्यसमिति सदस्य भगवानदास गिरी, बलाई समाज के प्रमुख नेता मुकेश मालवीय, गुलाबचंद भंडारी, महेन्द्र गोमे, आरतीसिंह, रूक्मणी बड़गौत्या, शशि बैंडवाल सहित महिलाएं व नागरिकगण उपस्थित थे। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा द्वारा प्रदेशभर में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 127वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है जिसके अंतर्गत लाखों की संख्या में दीप प्रज्जवलित व अन्य विभिन्न कार्यक्रम मंडल स्तर पर आयोजित किये जा रहे हैं।