अभी तक जिले में 4 लाख से अधिक श्रमिकों का किया पंजीयन
असंगठित श्रमिकों के पंजीयन का कार्य जारी
उज्जैन । असंगठित श्रमिकों के लिये पूरे प्रदेश में पंजीयन का कार्य सतत जारी है। 12 अप्रैल की दोपहर तक जिले में 405059 श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है। उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील में अभी तक सर्वाधिक 70880 श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। इसी प्रकार जनपद पंचायत तराना में 69085, जनपद पंचायत खाचरौद में 67142, जनपद पंचायत बड़नगर में 61758, जनपद पंचायत घट्टिया में 41430, जनपद पंचायत उज्जैन में 41038, नगर निगम उज्जैन में 40901, नगर पालिका नागदा में 6734, नगर पालिका खाचरौद में 3812, नगर पालिका महिदपुर में 3287, नगर पालिका बड़नगर में 2995 एवं नगर परिषद तराना में 2058 श्रमिकों का पंजीयन 12 अप्रैल की दोपहर तक किया जा चुका है।
14 अप्रैल तक होगा पंजीयन
कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने बताया कि योजना अन्तर्गत असंगठित मजदूरों का पंजीयन 14 अप्रैल तक किया जायेगा। पंजीयन के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत में तथा नगरीय क्षेत्रों में नगर पंचायत/नगर निगम झोनल कार्यालय में सम्पर्क करें।
असंगठित श्रमिक कौन?
असंगठित श्रमिक की बेहतरी के लिये आर्थिक विकास के साथ ही सामाजिक बेहतरी, उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा तथा अन्य सुविधाएं देने के लिये योजनाओं पर प्रभावी अमल किया जा रहा है। असंगठित श्रमिकों की श्रेणी में कृषि मजदूर, लघु एवं सीमान्त कृषक, घरेलु श्रमिक, फेरी लगाने वाले, दूध श्रमिक, मछली पालन श्रमिक, पत्थर तोड़नें वाले, पक्की ईंट बनाने वाले, गोदामों में काम करने वाले, मोटर परिवहन, हाथ करघा, पॉवरलूम, रंगाई-छपाई, सिलाई, अगरबत्ती बनाने वाले, चमड़े की वस्तुएं और जूते बनाने वाले चर्मकार, ऑटो रिक्शा चालक, आटा, तेल, दाल तथा चावल मिलों में काम करने वाले, लकड़ी का काम करने वाले, बर्तन बनाने वाले कारीगर, लोहार, बड़ई, फर्नीचर तथा माचिस तथा आतिशबाजी उद्योग में लगे श्रमिक, प्लास्टिक उद्योग, निजी सुरक्षा एजेन्सी में काम करने वाले, कचरा बीनने वाले, सफाईकर्मी, हम्माल-तुलावटी, गृह उद्योग में नियोजित श्रमिक आयेंगे।
श्रमिकों को मिलेगा ये लाभ
श्रमिकों को 200 रूपये मासिक फ्लेट रेट पर बिजली, गर्भवती श्रमिक महिलाओं को पोषण आहार के लिये 4 हजार रूपये, प्रसव होने पर महिला के खाते में 12500 रूपये जमा किये जायेंगे। घर के मुखिया श्रमिक की सामान्य मृत्यु पर परिवार को 2 लाख तथा दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रूपये की सहायता दी जायेगी। हर भूमिहीन श्रमिक को भूखण्ड या मकान उपलब्ध कराया जायेगा। स्वरोजगार के लिये ऋण उपलब्ध रहेगा, सायकल रिक्शा चलाने वालों को ई-रिक्शा और हाथठेला चलाने वाले को ई-लोडर का मालिक बनाने की पहल की जायेगी। बैंक ऋण की सुविधा 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ 30 हजार रूपये की सब्सिडी दी जायेगी। श्रमिक को मृत्यु पर अन्तिम संस्कार के लिये ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय से 5 हजार रूपये की नगद सहायता उपलब्ध कराई जायेगी।