चना, मसूर, सरसों के उपार्जन के लिये दिशा-निर्देश जारी 9 जून तक उपार्जन किया जायेगा
उज्जैन। राज्य शासन द्वारा रबी विपणन मौसम 2018-19 के अन्तर्गत किसानों से समर्थन मूल्य पर चना, मसूर एवं सरसों उपार्जन के लिये दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। समर्थन मूल्य पर चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन नेफेड के लिये राज्य की उपार्जन एजेन्सियां, जिनमें स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन तथा मप्र सहकारी विपणन संघ शामिल हैं, द्वारा सहकारी समितियों के माध्यम से किया जायेगा। उपार्जन का कार्य 10 अप्रैल से 9 जून तक होगा। उपार्जन का कार्य सोमवार से शनिवार को किया जायेगा, रविवार को स्कंद का परिवहन एवं स्टाक का मिलान कार्य होगा।
जिलों में उपलब्ध भण्डारण क्षमता के अनुसार गोदामों का प्राथमिकता क्रम भी तय कर दिया गया है। इसके तहत प्राथमिकता समस्त शासकीय गोदाम, सायलो बैग को, द्वितीय प्राथमिकता संयुक्त भागीदारी योजना अन्तर्गत अनुबंधित गोदाम तथा तृतीय प्राथमिकता किराये के गोदाम, मंडी शेड एवं कलेक्टर द्वारा अधिग्रहीत किये गये गोदामों को दी जायेगी। शासन द्वारा भण्डारण व्यवस्था व परिवहन व्यवस्था के लिये भी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। खरीदे गये चना, मसूर व सरसों के भण्डारण व्यवस्था के लिये मप्र वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन को नोडल एजेन्सी बनाया गया है।
परिवहन के लिये जिला स्तरीय समिति द्वारा उपार्जन केन्द्र से गोदाम तक पहुंचाने के लिये परिवहन की मेपिंग समग्र स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अग्रिम रूप से तैयार की जायेगी। रबी विपणन वर्ष 2018-19 में खरीदे गये चना, मसूर, सरसों के खरीदी केन्द्र से गोदाम तक परिवहन करने के लिये परिवहनकर्ताओं से अनुबंध की कार्यवाही खरीदी एजेन्सी द्वारा की जायेगी। सभी खरीदी एजेन्सियों को निर्देशित किया गया है कि परिवहनकर्ता को चना, मसूर, सरसों तौल कर ही दिया जाये। इस हेतु मंडी के नजदीकी धर्मकांटे का उपयोग करने के निर्देश दिये गये हैं। यदि समिति द्वारा चना, मसूर, सरसों शत-प्रतिशत तौल कर दिया जाता है तो मार्ग में आने वाली कमी के लिये परिवहनकर्ता को उत्तरदायी बनाया गया है।
किसानों से आग्रह किया गया है कि वे चना, मसूर और सरसों की गुणवत्तापूर्ण फसलें खरीदी केन्द्रों पर लायें। इस संबंध में उनको सूचित और शिक्षित किया जा रहा है। फसलों की उत्पादकता का निर्धारण स्थानीय और व्यवहारिक वास्तविकताओं के अनुसार किया गया है। समस्त कार्य की गहन निगरानी भी की जा रही है, ताकि व्यवस्था में गड़बड़ी न हो। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में चना, मसूर, सरसों के लिये 14 लाख 1 हजार 481 किसानों ने पंजीयन करवाया है।