पंचक्रोशी यात्रा के दौरान बुढ़ापा और नि:शक्तता आस्था में बाधक नहीं बन सकेंगी
सभी पड़ावों और उप पड़ावों पर दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिये
व्हील चेयर एवं बैसाखी मौजूद रहेंगी
उज्जैन । बुधवार से शुरू होने वाली पंचक्रोशी यात्रा के दौरान वृद्धजनों और दिव्यांगों के लिये कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे के निर्देश अनुसार मंगलवार को जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र द्वारा सभी पांच प्रमुख पड़ावों और तीन उप पड़ावों पर व्हील चेयर और बैसाखी उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई। उल्लेखनीय है कि यात्रा के दौरान पड़ाव स्थलों पर वरिष्ठजनों और दिव्यांगों के लिये केन्द्र द्वारा संचालित मोबिलिटी वेन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र के प्रशासनिक अधिकारी श्री सुनील खुराना द्वारा जानकारी दी गई कि सभी पड़ाव स्थलों पर दो-दो व्हील चेयर और दो जोड़ी बैसाखी दिव्यांगजनों की सुविधा के लिये उपलब्ध रहेंगी, ताकि वे पड़ाव स्थल के आसपास के मन्दिरों में आसानी से दर्शन कर सकें।
हर पड़ाव स्थल पर जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र के बैनर भी लगवाये गये हैं, जिनमें डीडीआरसी के हेल्पलाइन नम्बर लिखे गये हैं। किसी भी तरह की असुविधा होने पर उक्त नम्बरों पर सम्पर्क किया जा सकेगा। पुनर्वास केन्द्र की ओर से अधिकारी और कर्मचारी भी सहायता के लिये मौजूद रहेंगे। हालांकि पंचक्रोशी यात्रा की निर्धारित तिथि 11 अप्रैल के पूर्व ही श्रद्धालुओं का जत्था पड़ाव स्थलों पर पहुंचना शुरू हो गया है। ब्यावरा से आई 75 वर्षीय शैतानकुंवरबाई ने कहा कि वे काफी वर्षों से निरन्तर पंचक्रोशी यात्रा करती आ रही हैं। कुछ सालों में वृद्धावस्था के कारण धीरे-धीरे उनकी हिम्मत जवाब देने लगी थी। उन्होंने फैसला कर लिया था कि अगली बार से वे पंचक्रोशी यात्रा नहीं कर सकेंगी, लेकिन प्रशासन द्वारा पड़ाव स्थलों पर व्हील चेयर और बैसाखी उपलब्ध करवाई जाने तथा मोबिलिटी वेन की सुविधा दिये जाने से अब उन्हें यात्रा में कोई परेशानी महसूस नहीं हो रही है।
65 वर्षीय नागदा के गुराड़िया निवासी बालाराम ने कहा कि वे दूसरी बार पंचक्रोशी यात्रा में शामिल हो रहे हैं। वे एक पैर से नि:शक्त हैं, जिस कारण उन्हें अपने घर से एक लाठी लानी पड़ती थी, लेकिन जब उन्हें पता चला कि प्रशासन द्वारा व्हील चेयर और बैसाखी की व्यवस्था की गई है तो उन्होंने लाठी को एक कोने में रखा और व्हील चेयर के माध्यम से करोहन में कायावरोहणेश्वर महादेव के मन्दिर तक गये और भगवान के दर्शन किये।