योजनाओं के क्रियान्वयन में अव्वल आने के लिये अधिकारी गंभीरता दिखायें
संभागायुक्त श्री ओझा अगले माह जिलों में लेंगे बैठक
उज्जैन । संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने महिला बाल विकास, जिला महिला सशक्तिकरण एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त बैठक लेकर अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने-अपने विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में अव्वल आने के लिये गंभीरता दिखायें। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों एवं योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाकर समय-सीमा में दिये गये लक्ष्यों की पूर्ति की जाये। जमीनी स्तर के अमले को सक्रिय करने की दृष्टि से संभागायुक्त संभाग के जिलों में ब्लॉक स्तर तक के अधिकारियों के साथ बैठक लेकर योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे।
संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने योजनावार समीक्षा की और जिन जिलों में लक्ष्य की पूर्ति नहीं हुई है, उन जिला अधिकारियों पर नाराजगी प्रकट करते हुए निर्देश दिये कि समय पर लक्ष्य की पूर्ति की जाये। जिन जिलों में आंगनवाड़ी भवन अपूर्ण हैं, उन भवनों को समय पर पूर्ण किया जाये। समयावधि-पत्रों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर को अवगत कराया जाये, ताकि समय पर अपूर्ण भवन को पूर्ण कराये जा सकें। संभागायुक्त ने बैठक में अवगत कराया कि 16 अप्रैल को शाजापुर में मुख्यमंत्री का भ्रमण प्रस्तावित है। गर्मी होने के कारण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि कार्यक्रम स्थल पर स्वास्थ्य विभाग का अमला सक्रिय रहे, ताकि कार्यक्रम में उपस्थित होने वाले जनमानस के स्वास्थ्य का ध्यान दिया जा सके। संभागायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने-अपने मुख्यालय पर अनिवार्य रूप से उपस्थित रहना सुनिश्चित करें। संभागायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग की मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना की समीक्षा की और निर्देश दिये कि उक्त योजनाओं में किसी भी हितग्राही का प्रकरण लम्बित न रहे। प्रकरण के निराकरण के लिये वरिष्ठ कार्यालय को भेजने के बाद उसका फॉलोअप लें, ताकि समय-सीमा में हितग्राही के प्रकरणों का निराकरण हो सके। संस्थागत प्रसव की समीक्षा के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने-अपने जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं में एएनएम अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें।
संभागायुक्त ने आंगनवाड़ी भवन निर्माण की समीक्षा की। इस दौरान अवगत कराया गया कि संभाग में अपूर्ण आंगनवाड़ियों को पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करें। पोषण पुनर्वास केन्द्र की समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि चिन्हित कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराया जाकर कुपोषण से मुक्त कराया जाये। इसके लिये अधिक से अधिक जिलों में प्रचार-प्रसार किया जाये। सीएम हेल्पलाइन की लम्बित शिकायतों का निराकरण समय-सीमा में किया जाये। प्रधानमंत्री मातृ वन्दन योजना की समीक्षा की गई। इस योजना में प्रदेश के उत्कृष्ट प्रथम आठ जिलों में से संभाग के 03 जिले मंदसौर, उज्जैन, शाजापुर आयें हैं। संभागायुक्त ने तीनों जिलों के जिला अधिकारियों की प्रशंसा की।
संभागायुक्त ने निर्देश दिये कि महिला सशक्तिकरण विभाग की लाड़ली लक्ष्मी योजना की समीक्षा कर हितग्राहियों को अधिक से अधिक लाभ उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। संभाग में वर्ष 2017-18 में 39009 के लक्ष्य के विरूद्ध अभी तक 39698 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है, जो संभाग में 101.70 प्रतिशत होने पर संभागायुक्त ने प्रशंसा व्यक्त की। बैठक में बताया गया कि लाड़ली लक्ष्मी योजना के नवीन प्रकरण वर्ष 2017-18 में उज्जैन जिले को 8924, देवास जिले को 7023, शाजापुर जिले को 4294, रतलाम जिले को 6538, मंदसौर जिले को 6020, नीमच जिले को 3710 और आगर जिले को 2500 लक्ष्य दिया गया था। इसके विरूद्ध उज्जैन जिले ने 9808, देवास ने 7023, शाजापुर ने 4299, रतलाम ने 6713, मंदसौर ने 6028, नीमच ने 3346 एवं आगर जिले ने 2481 हितग्राहियों को लाभान्वित किया है। संभागायुक्त ने नीमच एवं आगर जिले को शत-प्रतिशत पूर्ति करने के निर्देश दिये हैं।
संभागायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग की मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना, टीकाकरण, राज्य बीमारी सहायता निधि उपचार योजना, अंधत्व निवारण, मलेरिया नियंत्रण, संस्थागत प्रसव, जननी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के तहत दी गई प्रसूति सहायता, मुख्यमंत्री कर्मकार मण्डल के तहत प्रसूति सहायता, परिवार कल्याण ऑपरेशन, सन्तानविहीन दम्पत्ति, कैंसर पीड़ितों के उपचार योजना आदि की समीक्षा कर सम्बन्धित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि उक्त योजनाओं में अच्छी प्रगति लाकर अपने-अपने जिले को सर्वोच्च स्थान दिलाया जाना सुनिश्चित करें।
संभागायुक्त ने भारत सरकार की आयुष्यमान भारत योजना की समीक्षा की। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उज्जैन डॉ.व्हीके गुप्ता ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना 15 अगस्त 2018 से प्रारम्भ की जायेगी। इसके मुख्य 02 घटक हैं- हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का मुख्य आकर्षण पात्र वंचित श्रेणी के प्रत्येक परिवार को 05 लाख रूपये प्रतिवर्ष स्वास्थ्य सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया है। यह स्वास्थ्य सुरक्षा कवच निजी एवं शासकीय अधिमान्य अस्पतालों के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा। इस हेतु विभिन्न मेडिकल प्रोसिजर्स के लिये पैकेज निर्धारित किया जायेगा। स्वास्थ्य सुरक्षा कवच कैशलेस होगा। स्वास्थ्य सुरक्षा कवच हेतु बीमा प्रीमियम का भुगतान शासन द्वारा बीमा कंपनी को किया जायेगा। प्रति परिवार 1000 से 1200 प्रीमियम अनुमानित है। इसमें 40 प्रतिशत राज्यांश होगा। डॉ.गुप्ता ने अवगत कराया कि उक्त योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये प्रशिक्षण आदि की कार्यवाही शुरू हो चुकी है।
राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम आदि के अन्तर्गत उत्कृष्ट कार्य करने पर हाल ही में भोपाल में पुरस्कृत किये गये अधिकारियों को संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने प्रशंसा व्यक्त कर बधाई दी। इसी प्रकार सामाजिक न्याय के जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र के द्वारा उज्जैन निवासी कु.दर्शिका पिता अरूण श्रीवास्तव को कान की मशीन संभागायुक्त ने भेंट की।
बैठक में उज्जैन संभाग के अपर आयुक्त श्री डीआर कतरोलिया, संयुक्त आयुक्त श्री प्रतीक सोनवलकर, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक श्री केके वास्केल, महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक श्री एनएस तोमर, महिला सशक्तिकरण विभाग के उप संचालक श्री राजेश गुप्ता तथा संभाग के जिलों के महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित थे।