उज्जैन जिले में पांच वर्षो में कृषि उत्पादकता में अभूतपूर्व वृध्दि
कुल कृषि उत्पादन 3.37 लाख मै.टन से बढ़कर 15.16 लाख मै.टन हुआ
उज्जैन । उज्जैन जिले में राज्य सरकार द्वारा की जा रही सिंचाई की व्यवस्था कृषि आदानों की व्यवस्था एवं सिंचाई के लिए निरंतर बिजली की सप्लाई के कारण कृषि उत्पादकता में अभूतपूर्व वृघ्दि हुई है। जहां वर्ष 2003 के पहले जिले की कुल कृषि उत्पादकता 3 लाख 37 हजार 678 मेट्रिक टन थी, वहीं यह 2017 में बढ़कर 15 लाख 16 हजार 170 मै.टन दर्ज की गई। इसी तरह म.प्र. का लगातार कृषि कर्मण अवार्ड मिलने में जिले के किसानों की भी महती भूमिका है।
उप संचालक कृषि कार्यालय से प्राप्त आकड़ो के अनुसार जिले में वर्ष 2003 में गेंहू का उत्पादन 73 हजार 988 मेट्रिक टन होता था। वही वर्ष 2017 में गेहूं का उत्पादन 6 लाख 45 हजार मेट्रिक टन हो गया है। वर्ष 2018 के आंकड़े आना शेष है और गेहूं के मामले में जिले में हुए रिकार्ड उत्पादन को इससे सहज से समझा जा सकता है। इसी तरह दलहन उत्पादन में भी उज्जैन जिले ने लंबी छलांग लगाई है। जिले में वर्ष 2003 में दहलन उत्पादन मात्र 25 हजार 140 मेट्रिक टन था। वही वर्ष 2017 में यह आंकड़ा 3 लाख 51 हजार 240 मेट्रिक टन पहुंच गया। इन आकड़ो से किसानों का रूझान भी स्पष्ट होता है वे एकमात्र सोयाबीन की फसल से हटकर अन्य दलहनी फसलें भी ले रहे है। सोयाबीन के मामले में भी यद्यपि उछाल आया है किंतु कही न कही रकबे में कमी से दलहन उत्पादन मे आयी वृघ्दि् को समझा जा सकता है। जिले में वर्ष 2003 में सोयाबीन का उत्पादन 2 लाख 75 हजार 330 मेट्रिक टन हुआ था वही वर्ष 2017 में 4 लाख 89 हजार 470 मेट्रिक टन हुआ है।
प्रति हेक्टेयर उत्पादकता
उज्जैन जिले में कृषि उत्पादकता के क्षेत्र में आयी अभूतपूर्व क्रांति के चलते मक्का, ज्वार, अरहर, उड़द, मूंग, मूंगफली, तिल और सोयाबीन की उत्पादकता में प्रति हेक्टेयर वृध्दि निश्चित रूप से किसानों की मेहनत एवं राज्य शासन की ओर से दी गई सुविधाओं को रेखांकित करती है। जिले में ज्वार की उत्पादकता 2003 मे 6.34 क्विटंल प्रति हेक्टेयर थी वही 2017 में यह 18.00 क्विटंल प्रति हेक्टेयर हो गयी। इसी तरह मक्का की उत्पादकता 7.88 क्विटंल से 25 क्विटंल, अरहर की 5.12 क्विटंल से 12 क्विटंल, उड़द की 3.15 क्विटंल से 8.5 क्विटंल, मूंग की 3.13 क्विटंल से 5 क्विटंल, मूंगफली की 7.39 क्विटंल से 15 क्विटंल, तिल की 2.5 क्विटंल से 7 क्विटंल तथा सोयाबीन की उत्पादकता 6.64 क्विटंल से 10.5 क्विटंल प्रति हेक्टेयर हो गयी है।