असंगठित श्रमिकों के पंजीयन कार्य में प्रदेश के टॉप-10 में उज्जैन संभाग के 3 जिले शामिल
उज्जैन । असंगठित श्रमिकों के लिये पूरे प्रदेश में पंजीयन का कार्य सतत जारी है। पंजीयन कार्य में प्रदेश के टॉप-10 में उज्जैन संभाग के 3 जिले शामिल हैं। पहले स्थान पर सिंगरोली, दूसरे स्थान पर उज्जैन संभाग का मंदसौर जिला, तीसरे स्थान पर देवास जिला, चौथे स्थान पर उज्जैन जिला, पांचवे स्थान पर रीवा, छठे स्थान पर अलीराजपुर, सातवे स्थान पर छिंदवाड़ा, आठवे स्थान पर नरसिंहपुर, नौवे स्थान पर जबलपुर तथा दसवे स्थान पर बड़वानी हैं। उज्जैन जिले में अभी तक 5 अप्रैल की प्रात: 10.30 बजे तक की स्थिति में 3 लाख 10 हजार 613 श्रमिकों का ऑनलाइन पंजीयन हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्र में जिले में 2 लाख 79 हजार 604 और नगरीय निकायों में 31 हजार 9 श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है।
कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने यह जानकारी देते हुए बताया कि श्रमिकों के पंजीयन का कार्य जिले में निरन्तर जारी है। पंजीयन के बाद शासन की योजनाओं का लाभ दिया जायेगा। महिदपुर जनपद पंचायत में 56 हजार 152, खाचरौद जनपद पंचायत में 52 हजार 839, बड़नगर जनपद पंचायत में 52 हजार 515, तराना जनपद पंचायत में 51 हजार 89, घट्टिया जनपद पंचायत में 33 हजार 762 और उज्जैन जनपद पंचायत में 33 हजार 238 इस प्रकार जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 2 लाख 79 हजार 604 श्रमिकों का पंजीयन 5 अप्रैल की प्रात: तक की स्थिति में हो चुका है। इसी प्रकार नगरीय निकायों में उज्जैन नगर निगम में 21 हजार 794, नगर पालिका नागदा में 3 हजार 764, नगर पालिका महिदपुर में 2 हजार 65, नगर पालिका खाचरौद में 1 हजार 237, नगर पालिका बड़नगर में 1 हजार 162 और नगर परिषद उन्हेल में 987 इस प्रकार नगरीय निकायों में अभी तक कुल 31 हजार श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है।
असंगठित श्रमिक कौन
असंगठित श्रमिक की बेहतरी के लिये आर्थिक विकास के साथ ही सामाजिक बेहतरी, उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा तथा अन्य सुविधाएं देने के लिये योजनाओं पर प्रभावी अमल किया जा रहा है। असंगठित श्रमिकों की श्रेणी में कृषि मजदूर, लघु एवं सीमान्त कृषक, घरेलु श्रमिक, फेरी लगाने वाले, दूध श्रमिक, मछली पालन श्रमिक, पत्थर तोड़नें वाले, पक्की ईंट बनाने वाले, गोदामों में काम करने वाले, मोटर परिवहन, हाथ करघा, पॉवरलूम, रंगाई-छपाई, सिलाई, अगरबत्ती बनाने वाले, चमड़े की वस्तुएं और जूते बनाने वाले चर्मकार, ऑटो रिक्शा चालक, आटा, तेल, दाल तथा चावल मिलों में काम करने वाले, लकड़ी का काम करने वाले, बर्तन बनाने वाले कारीगर, लोहार, बड़ई, फर्नीचर तथा माचिस तथा आतिशबाजी उद्योग में लगे श्रमिक, प्लास्टिक उद्योग, निजी सुरक्षा एजेन्सी में काम करने वाले, कचरा बीनने वाले, सफाईकर्मी, हम्माल-तुलावटी, गृह उद्योग में नियोजित श्रमिक आयेंगे।
श्रमिकों को मिलेगा ये लाभ
श्रमिकों को 200 रूपये मासिक फ्लेट रेट पर बिजली, गर्भवती श्रमिक महिलाओं को पोषण आहार के लिये 4 हजार रूपये, प्रसव होने पर महिला के खाते में 12500 रूपये जमा किये जायेंगे। घर के मुखिया श्रमिक की सामान्य मृत्यु पर परिवार को 2 लाख तथा दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रूपये की सहायता दी जायेगी। हर भूमिहीन श्रमिक को भूखण्ड या मकान उपलब्ध कराया जायेगा। स्वरोजगार के लिये ऋण उपलब्ध रहेगा, सायकल रिक्शा चलाने वालों को ई-रिक्शा और हाथठेला चलाने वाले को ई-लोडर का मालिक बनाने की पहल की जायेगी। बैंक ऋण की सुविधा 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ 30 हजार रूपये की सब्सिडी दी जायेगी। श्रमिक को मृत्यु पर अन्तिम संस्कार के लिये ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय से 5 हजार रूपये की नगद सहायता उपलब्ध कराई जायेगी।